बस्तर
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
जगदलपुर, 20 जुलाई। गर्भवती को लेने के लिए वाहन चालक 29 किमी का सफर तय पहुंचा। अस्पताल लाते रास्ते में प्रसव पीड़ा तेज हुई। डायल 112 गाड़ी में परिजनों की सहायता से डिलीवरी करवाई। इसके बाद वाहन चालक ने जच्चा- बच्चा को सही सलामत अस्पताल तक भिजवाया।
ज्ञात हो कि गर्भवती महिलाओं की सुरक्षा को ध्यान देते हुए महतारी एक्सप्रेस से लेकर अन्य योजनाओं को चलाया जा रहा है, इन्हीं योजनाओं में एक योजना डायल 112 है, जिसमें किसी भी आपातकाल स्थिति में इस वाहन को बुलाया जा सकता है, ऐसा ही एक मामला बड़ाजी थाना क्षेत्र के ग्राम सिरिसगुडा काडकीपारा का है, जहाँ एक गर्भवती को कोई भी वाहन नहीं मिल पाने के कारण परिजनों को 112 का सहारा मिला, जहाँ उसने वाहन के अंदर ही एक बालिका को जन्म दिया।
बताया जा रहा है कि ग्राम सिरिसगुड़ा काडक़ीपारा में रहने वाले राजूराम कश्यप निवासी शिरीसगुड़ा ने फोन के माध्यम से डायल 112 को बताया कि एक महिला को काफी तेज प्रसव पीड़ा हो रहा है, पीडि़ता की स्थिति भी नाजुक बनी हुई है। जानकारी मिलने के बाद वाहन बड़ाजी के अंतर्गत ग्राम शिरीसगुड़ा कांडकी पारा से लगभग 29 किलोमीटर का सफर तय कर बताए गए जगह पर पहुंचे, जिस जगह पर पीडि़ता थी उस गाँव में नेटवर्क भी नहीं था, किसी तरह डायल 112 गाँव पहुँची, जहां पहुंच कर पीडि़ता बालमती मंडावी पति चंद्रशेखर मंडावी 22 वर्ष की स्थिति नाजुक बनी हुई थी, इसके अलावा चलने फिरने में असमर्थ लग रही थी।
गर्भवती को परिजनों के साथ डायल 112 गाड़ी में बैठाया गया और प्रसव कराने के लिए सीएचसी लोहंडीगुड़ा लेकर जा रहे थे कि कुछ ही दूर रास्ते में प्रसव पीड़ा तेज हुई।
डायल 112 गाड़ी में परिजनों की सहायता से डिलीवरी करवाई। डिलीवरी के दौरान गाड़ी के अंदर ही कन्या हुई। प्रसूती बालमती मंडावी की स्थिति ठीक नहीं होने के साथ ही चक्कर आ रहा था। उसको सीएचसी लोहंडीगुड़ा ले जाकर एडमिट कराया गया और उपचार के लिए परिजनों को सौंपा गया।