दुर्ग
![धर्म का उद्घोष करने की बेला है चातुर्मास धर्म का उद्घोष करने की बेला है चातुर्मास](https://dailychhattisgarh.com/uploads/chhattisgarh_article/17215536661_durg_photo-2.jpg)
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
दुर्ग, 21 जुलाई। धर्म जागरण का महापर्व है। चातुर्मास जीवन को श्रेष्ठ बनाने करने का अवसर है। चातुर्मास जीवन निर्माण का शुभ अवसर है। चातुर्मास अनुभवों का उपहार देता है। यह चातुर्मास अज्ञान से ज्ञान की ओर जाने का मार्ग है चातुर्मास। उक्त उद्बोधन चातुर्मास प्रारंभ होने की पावन बेला पर जय आनंद मधुकर रतन भवन बांधा तालाब में महासती डॉ. सुमंगल प्रभा ने व्यक्त किए।
8.45 बजे आनंद मधुकर रतन भवन में धर्म सभा प्रारंभ हुई। सभा का प्रारंभ जयमल महाराज की स्तुति के साथ प्रारंभ हुआ। पाट पर महासती डॉ. सुमंगल प्रभा, साध्वी डॉ. सुवृद्धि श्रीजी, साध्वी रजत प्रभा श्रीजी, प्रांजल श्रीजी एवं साध्वी वंदना श्रीजी विराजमान थे। साध्वी सुमंगल चौहान धर्म सभा को संबोधित करते हुए कहा कि जीवन के खेत में वर्षावास के दौरान अगर आपने सब गुरुवाणी नहीं सोले और उसे अपने जीवन में नहीं होता तो हमारा जीवन अनाथ हो जाएगा। जीवन को पुष्पित और पल्लवी करनी के लिए चातुर्मास आया है। धर्म सभा को डॉ. सुवृद्धि श्रीजी एवं प्रांजल श्रीजी ने भी संबोधित किया।