राजनांदगांव
![साइकिल पाकर बालिकाओं ने सुनाये अनुभव साइकिल पाकर बालिकाओं ने सुनाये अनुभव](https://dailychhattisgarh.com/uploads/chhattisgarh_article/1721555643jn__6.jpg)
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 21 जुलाई। मरेठा नवागांव की सोनाली कहती है कि पहले मैं सिर्फ कैंची फांक ही चलाया करती थी, गांव की ही एक दीदी की साइकिल में सीखी थी, पर अब अपने नाम की साइकिल मिलने के तीन से चार दिनों में ही फुल पायडल चला लेती हूं। मोखली की सोनिया बताती है कि प्राथमिक व माध्यमिक स्कूल में भोजन, ड्रेस और कापी पुस्तकें मिलती थी पर हाईस्कूल पहुंचने पर साइकिल मिलेगी, सोचा नहीं था। करमतरा की हंसिका का कहना है कि साइकिल मिल गई, अब चलाना भी सीख जाऊंगी। इसी तरह से नई साइकिल प्राप्त कर बालिकाओं ने अपना रोचक अनुभव साझा किया।
शासकीय उच्चतर माध्यमिक शाला करमतरा में पालकों की उपस्थिति में कुल 18 नवप्रवेशित बालिकाओं को सरकारी योजना के तहत नई साइकिलें वितरित की गई। प्रभारी शिक्षक रामप्रसाद देवांगन ने बताया कि सभी पालकों को स्कूल में आमंत्रित किया गया था। इस अवसर पर संस्था के प्राचार्य राजेश शर्मा ने कहा कि सरकार की नि:शुल्क सरस्वती साइकिल योजना एक ऐसी महत्वाकांक्षी योजना है, जो न केवल बेटियों को आने जाने में मदद करती है, बल्कि बेटियों की शिक्षा की राह भी आसान करती है, जिन छात्राओं को साइकिल वितरित की गई उनमें करुणा, ईश्वरी, हंसिका, हुमेश्वरी, थनेश्वरी, भूमिका, माहेश्वरी, येमलता, तारणी, झामिन, मोनिका, टामिन, संध्या, सोनाली, हेमलता, अंजली, सोनिया व दुर्गा शामिल हैं।
इस अवसर पर करमतरा के वरिष्ठ व्याख्याता किसन सिंग सोरी, राहुल रावटे, श्रीकांत पानगुडे, सतीश कुमार,ए राजेंद्र कुमार, निरंजन लाल, रूपेश कुमार, हेमसिंग साहू, नरसिंग साहू, देवधार साहू, दिलेश्वरी साहू, झनकलाल साहू, बेदनाथ साहू, भुवनलाल साहू, कुंजलाल गंजीर, लोकेश साहू, मिलाप राम, हरिनारायण, विनोद साहू उपस्थित थे।