दुर्ग
![बाढ़ से हजारों एकड़ की फसल को नुकसान बाढ़ से हजारों एकड़ की फसल को नुकसान](https://dailychhattisgarh.com/uploads/chhattisgarh_article/17218106494_durg_photo-4.jpg)
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
दुर्ग, 24 जुलाई। शिवनाथ में बाढ़ की वजह से नदी तट के अनेक ग्रामों में हजारों एकड़ की सब्जियों एवं धान की फसल पानी में डूब गई है। इससे फसलों को भारी नुकसान पहुंचने की संभावना है। शिवनाथ नदी पर स्थित महमरा एनीकट के सवा दस फीट ऊपर तक बाढ़ का पानी चढ़ गया है। वहीं अभी भी लगातार नदी का जलस्तर बढ़ रहा है। जिसके मद्देनजर जिला प्रशासन ने नदी तट के रहवासियों से सतर्क रहने की अपील की है। शिवनाथ नदी के कैचमेंट ऐरिया में विगत तीन दिनों से लगातार वर्षा होने से तांदुला नदी, खरखरा नदी व शिवनाथ के अन्य सहायक नालों में जल स्तर बढ़ रहा है। जिससे आज शिवनाथ नदी के महमरा एनीकट के ऊपर सवा दस फीट ऊपर पानी बह रहा है। नदी के जल स्तर में लगातार बढ़ोत्तरी को ध्यान में रखते हुए जिला प्रशासन द्वारा शिवनाथ नदी तट के सभी गांव के लोगों को सतर्क रहने की अपील की गई है। अधिकारियों को बाढ़ प्रभावित क्षेत्र झोला, भोथली, रूदा, खाड़ा, चंगोरी, थनौद, पीसेगांव, महमरा, पुलगांव, कोसमी, मोहलई, नगपुरा, मालूद, बेलौदी, पीपरछेड़ी, झेंझरी, हटगांव, गनियारी, सहगांव पर विशेष नजर रखने कहा गया है।
ग्राम चंगोरी स्थित ईट भ_े में बाढ़ में फंसे लोगों को एसडीआरएफ की टीम ने देर रात जिला सेनानी नागेन्द्र सिंह के मार्गदर्शन में रेस्क्यू कर बाहर निकाला। ईट भ_े से बाहर निकाले गए 12 लोगों में 4 महिलाएं एवं 4 बच्चे भी शामिल हैं। इन सभी लोगों को ग्राम पंचायत भवन में ठहराया गया है। जहां पंचायत द्वारा इनके भोजन का प्रबंध किया जा रहा है।
जानकारी अनुसार राजनांदगांव जिले के मोंगरा बैराज से पिछले दिनों 40 हजार क्यूसेक पानी शिवनाथ नदी में छोड़ा गया था। आज 5 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है, लगातार बारिश होने से आगे मोंगरा बैराज से ज्यादा पानी छोडऩे की और संभावना है। इससे बाढ़ का पानी नदी तट के बस्तियों को चपेट में ले सकती है। ग्राम पंचायत भोथली के सरपंच सुरेश साहू के अनुसार बाढ़ का पानी बस्ती तक पहुंच गया है। ग्राम के आबादी पारा स्थित 8 घर पानी से पूरी तरह घिर गए हैं। जहां के लोगों को सुरक्षित जगह में निकलने कहा गया है। ग्राम में नदी तट पर स्थित बाडिय़ां बाढ़ की पानी में डूब गई, इससे फसलों को नुकसान पहुंचने की संभावना है। ग्राम चंगोरी निवासी कृषक तुलसी राम ने बताया की बाढ़ की पानी में ग्राम के लगभग 60 प्रतिशत फसल पानी में डूब गई है। वहीं थनौद के सरपंच के अनुसार ग्राम की 75 प्रतिशत फसल बाढ़ की चपेट में आ गई है। इसी प्रकार नदी तट के अनेक ग्रामों में फसल डूबने की जानकारी मिली है।
जानकारी के अनुसार ग्राम चंगोरी स्थित शिवलाल पाड़े के ईंट भट्टे में 6 मजदूर फंसे हुए है, जो दो मंजिला मकान के ऊपर माले में शरण लिए हुए हैं। एसडीआरएफ की टीम समाचार लिखे जाने तक उन्हें सुरक्षित बाहर निकालने प्रयास कर रही है। इसी प्रकार ग्राम अछोटी में भी डीएमडब्ल्यू ईंट भट्टा एवं भुवाल ईंट भट्टा में मजदूर फंसे हुए थे। सरपंच घनश्याम दिल्लीवार को इसकी जानकारी होने पर उन्हें नाले की रास्ते से सुरक्षित बाहर निकाला गया। दिल्लीवार ने बताया कि सभी मजदूरों को सामुदायिक भवन में ठहराया गया है। जानकारी के अनुसार झोला-सोमनी मार्ग में पुल के 3 फीट ऊपर से पानी बह रहा है। इसकी वजह से मार्ग में आवागमन अवरुद्ध है। लोगों को ग्राम बिरेझर, चंगोरी, खाड़ा होकर आवागमन करना पड़ रहा है। इसी प्रकार आलबरस भरदा के बीच नाला में बना पुल शिवनाथ में बाढ़ के उलट में डूब जाने से आवागमन अवरुद्ध है। वहीं शिवनाथ में सभी एनीकट के रपटों से आवागमन बंद है।
जल संसाधन संभाग तांदुला के कार्यपालन अभियंता एस.के. पाण्डेय से प्राप्त जानकारी के अनुसार लगातार बारिश से तांदुला जलाशय में 40 प्रतिशत, खरखरा जलाशय में 43 , खपरी जलाशय में 42 और गोंदली जलाशय 22 प्रतिशत जलभराव हो चुका है। संभाग अंतर्गत बारिश की स्थिति ऐसी बनी रही तो इन जलाशय के भराव में और बढ़ोत्तरी होगी। शिवनाथ नदी में पुुलगांव स्थित पुराने पुल के बराबर पानी का बहाव हो रहा है। जिसके मद्देनजर यहां पर बेरीकेट्स लगाकर इस पुल से आवागमन रोक दिया गया है। इसके बावजूद कुछ लोग बेटीकेट्स फांदकर पुल पर जा रहे थे, जिसकी सूचना मिलने पर पुलिस की टीम तत्काल मौके पर पहुंची। पूर्व विधायक अरुण वोरा ने कहा कि पुल के पास पर्याप्त सुरक्षा व्यवस्था की जाए।
विगत तीन दिवस से हो रही बारिश तथा मोंगरा बैराज से 45 हजार क्यूसेक पानी छोड़े जाने से शिवनाथ नदी का जल स्तर बढ़ गया है। दुर्ग संभाग आयुक्त एस.एन. राठौर ने शिवनाथ नदी पर महमरा एनीकट का और पुलगांव स्थित शिवनाथ नदी के पुराने पुल का निरीक्षण कर वर्षा से उत्पन्न स्थिति का जायजा लिया। इस अवसर पर एसडीएम मुकेश रावटे, तहसीलदार पी.आर. सलामे एवं अन्य अधिकारी भी मौजूद थे।