बस्तर
बढ़ रहे मलेरिया से लेकर डेंगू और जेई के मरीज
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
जगदलपुर, 27 जुलाई। बरसात के मौसम और लगातार हो रही बारिश के चलते इन दिनों मलेरिया से लेकर डेंगू और जेई के मरीजों की संख्या बढ़ती ही जा रही है। इन मरीजों को बस्तर जिले के अंदुरुनी इलाकों के साथ ही आसपास के क्षेत्रों से भी लाया जा रहा है।
ऐसा ही एक मामला बस्तर जिले देखने को मिला, जहाँ दो छोटे बच्चों में मलेरिया के साथ ही जेई और डेंगू पाया गया, जहाँ उन्हें 5 दिनों तक डॉक्टरों की निगरानी में रखने के बाद उन्हें पूर्ण रूप से ठीक होने के बाद डिस्चार्ज दिया गया, बच्चों के पूरी तरह से ठीक होने के बाद परिजनों ने डॉक्टर से लेकर स्टाफ नर्स आदि का धन्यवाद दिया।
मेकाज के शिशु वार्ड के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. डीआर मण्डावी ने बताया कि मेकाज में 20 और 22 जुलाई को बस्तर के बागबाहरा और आड़ावाल नयापारा के दो बच्चे आये, जिसमें जोगेश (10 वर्ष), शिवानी (11 वर्ष) को परिजनों ने भर्ती कराया।
बच्चे की जांच में बच्चे के अंदर जेई, डेंगू और मलेरिया तीनों पाया गया। स्टाफ नर्स की मदद से उन्हें जीवनरक्षक दवाइयों के साथ ही उन्हें निगरानी में रखा गया, जहाँ 5 दिनों तक भर्ती के बाद शुक्रवार को उन्हें डिस्चार्ज दिया गया।
एक बच्चे में रहा मलेरिया और जेई
बरसात के चलते जमा हो रहे पानी के चलते जगह जगह मच्छर पनप रहे हैं, जिसके कारण छोटे बच्चों को इनके द्वारा डंक मारने से बहुत ही जल्द इसकी चपेट में आ रहे हैं। ऐसे में गीदम से 22 जुलाई को कृष्णा (7 वर्ष) को लाया गया, जिसे मलेरिया और जेई दोनों ही थे, जहाँ लगातार इलाज के बाद उसे भी आज छुट्टी दिया गया।
कैसे करें बचाव
सुरक्षात्मक कपड़े, मच्छरदानी और यात्रा के दौरान यात्रा से पहले, यात्रा के दौरान और यात्रा के बाद निवारक दवा भी ले सकते हैं। मलेरिया के कई परजीवियों ने बीमारी के इलाज के लिए इस्तेमाल की जाने वाली दवाओं का सेवन करना है।
पानी न भरने दे
मच्छरों के प्रजनन स्थलों को नष्ट करके मलेरिया पर बहुत नियंत्रण पाया जा सकता है। जमा पानी में मच्छर अपना प्रजनन करते हैं, ऐसे खड़े पानी की जगहों को ढक कर रखना, सुखा देना या बहा देना चाहिये या पानी की सतह पर तेल डाल देना चाहिये, जिससे मच्छरों के लारवा सांस न ले पाएं।