दुर्ग
एसपी ने कहा - गलत हरकत जैसी कोई घटना नहीं हुई
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
भिलाई नगर, 3 अगस्त। कल सुबह सैकड़ों की संख्या में देलही पब्लिक स्कूल रिसाली के मेन गेट पर ‘वी वांट जस्टिस ’ की नारेबाजी कर रहे पैरेंट्स का आक्रोश देखते ही बनता था। काफी देर तक जब स्कूल का मेन गेट नहीं खुला तो स्कूल मैनेजमेंट के खिलाफ भी नारेबाजी होने लगी। जैसे तैसे स्कूल मैनेजमेंट ने पैरेंट्स को भीतर बुलवाया और लगभग तीन घंटे की जम्बो बैठक बाद एक कमेटी बनाने की घोषणा की गई, जो कि सात सदस्यीय होगी और यह कमेटी पैरेंट्स के मुद्दों पर सीधे प्रिंसिपल और मैनेजमेंट से चर्चा कर सकेगी।
जिस बच्ची के शारीरिक शोषण (फिजिकल एब्यूज) को लेकर सोशल मीडिया सहित सार्वजनिक जगहों पर पिछले 15 दिन से यह मुद्दा उछल रहा था, दरअसल ऐसी कोई बात है ही नहीं। इस घटना को लेकर इस्पात नगरी के शांति पूर्ण माहौल को जिस तरह प्रभावित करने के प्रयास सोशल प्लेटफार्म पर हो रहे थे, उसे देखते हुए कल शाम दुर्ग पुलिस कप्तान जितेंद्र शुक्ला ने आधिकारिक बयान दे दूध का दूध और पानी का पानी कर दिया है।
इससे पूर्व मौके पर मौजूद पैरेंट्स रविंद्र ने बताया कि उनकी बच्ची भी डीपीएस में पढ़ती है और डीपीएस से संबंधित एक विषय जो है सोशल मीडिया के माध्यम से संज्ञान में आया कि पांच साल की बच्ची के साथ किसी प्रकार का फिजिकल एब्यूज हुआ है। इस घटना का सुन सभी पैरेंट्स बच्चों की सुरक्षा को लेकर भयभीत थे, इसलिए शुक्रवार को लगभग हजार पालक डीपीएस रिसाली आए हुए थे।
पहले गेट पर खड़े थे और बाद में आकर प्रिंसिपल से बात की तो उन्होंने इस तरीके की किसी भी घटना के होने से इंकार किया है। उन्होंने कहा कि ऐसी कोई घटना नहीं हुई है। कई चीजों पर और एड्रेस था, जिस पर चार पांच बिंदुओं पर उन्होंने लिखित में हमको आश्वासन दिया हुआ है। वो लेटर भी पेरेंट्स के पास है। आज की इस बातचीत का निष्कर्ष यह है कि डायनेमा की स्थिति है, प्रिंसिपल साहब ने कहा कि ऐसा कुछ हुआ ही नहीं है और हमारे उपर आरोप लगाने का बनता ही नहीं है।
पेरेंट्स का कहना था कि इसके ऊपर किसी प्रकार का लीगल एक्शन क्यों नहीं हुआ, तो उनका कहना था कि जब कोई एफआईआर नहीं हुई है, कुछ घटना ही नहीं हुई तो हम क्या कर सकते हैं? कुछ इस तरीके की बातें और सिचुएशन हैं। इतनी बड़ी संख्या में पैरेंट्स के पहुंचने पर लोगों को जरूर लगा कि यह घेराव है और पुलिस बल भी काफी मात्रा में आ गया था, जबकि घेराव जैसा कुछ नहीं था, अप्रिय घटना किसी प्रकार की नहीं घटी।
टाक मोमेंट में लोग चिल्ला जोर-जोर से रहे थे क्योंकि नाराजगी में थे। बच्ची के साथ किसी प्रकार का फिजिकल एब्यूज हुआ है, जिसके बारे में पेपर में और सोशल मीडिया के माध्यम से आ रहा था। एक अखबार में बिना इंस्टीट्यूट का नाम छापे खबर छपी हुई थी कि उन्होंने प्रिंसिपल से भी बात की है कि किसी प्रकार का फिजिकल एब्यूज हुआ है, एग्जेक्टली नहीं बता पाऊंगा क्योंकि मैं गार्जियन उस बच्चे का नहीं हूं।
वहीं दूसरी तरफ दुर्ग पुलिस अधीक्षक जितेन्द्र शुक्ला ने प्रेस ब्रिफ में बताया कि पिछले बीस पच्चीस दिनों से इस तरह का मैटर बहुत सारे दुष्प्रचार और बहुत सारे आरोप प्रत्यारोप के साथ चर्चा में आया जरूर है परंतु दुर्ग पुलिस ने पूरी गंभीरता से पहले दिन से ही इसे संज्ञान लिया और पूरी घटना की गंभीरता से हर पहलु की जांच भी कराई गई है।
स्कूल से लेकर पैरेंट और बच्चे से लेकर डॉक्टर तक सभी से चर्चा की है। जिन डॉक्टर्स ने बच्ची का एग्जामिनेशन किया था उनसे भी बातचीत की। हर पहलु जानने का प्रयास किया कि क्या ऐसा कुछ हुआ है, जो दुष्कर्म की घटना प्रचारित की जा रही? डॉक्टर्स ने साफ सिरे से मना कर दिया कि ऐसा कुछ हुआ नहीं है, यूरिनल इंफेक्शन की उन्होंने प्रिस्क्रिप्शन लिखी हुई थी और उसी की समस्या बताई गई थी। एग्जामिन में ऐसी किसी भी घटना को सिरे से खारिज किया गया। साथ ही पैरेंट्स इसमें जो थे, इस पर अपनी कोई भी आगे की कार्रवाई नहीं चाहते और अपनी सहमति जताते हुए उन्होंने लिखित में दिया कि हम इस पर कोई कार्रवाई नहीं चाहते हैं तो इसको देखते हुए पुलिस ने चूंकि छोटी बच्ची का मैटर था और पॉक्सो एक्ट का था, तो हम इस पर कुछ भी किसी भी प्रकार का पत्राचार या प्रेस ब्रीफिंग जैसी चीज नहीं कर रहे थे, परंतु अभी जो दो दिन में ऐसा देखने को मिला कि इसको एस्केलेट कर शहर का माहौल और बाकी चीजें खराब की जा रही हैं उसके कारण ऐसा लगा कि कुछ चीजें आधिकारिक रूप से पब्लिक डोमेन में जानी चाहिए और उसको देखते हुए हमने प्रेस ब्रिफिंग की।
परसों शाम से जो गार्जियन को बहकाने का और गार्जियन को भडक़ाने का प्रयास सोशल मीडिया में चला, उसको देखते हुए हमको लगा कि एक पुलिस अधीक्षक के नाते मेरी जिम्मेदारी बनती है, उन गार्जियंस के प्रति कि हम तथ्यों को सामने लाएं क्योंकि अभी तक जो गलत सोच से उनके पास अनौपचारिक रूप से पहुंच रहा था उस पर उनके पास कोई आधिकारिक वक्तव्य नहीं थे तो उसको देखते हुए हमने सोचा कि उस पर आधिकारिक वक्तव्य जारी करें ताकि गार्जियंस का भरोसा भी बना रहे और उनको यह पता चले कि एक्जेक्टली हुआ क्या है और उनको कोई बहका न सके।