रायपुर
बाल बाल बचे 250 यात्री
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 3 अगस्त। कल रात रायपुर से गुजरी कोरबा-विशाखापट्टनम लिंक एक्सप्रेस की तीन एसी बोगियों में आगजनी हो गई। वह तो शुक्र रहा कि सभी यात्री बोगियों से उतर चुके थे। वर्ना एक बड़ी केजुअलटी हो सकती थी। इस घटना ने एक बार रेलवे के रैक मेटेनेंस की पोल खोल दी है। 18517लिंक एक्सप्रेस अपने निर्धारित समय से देर से करीब 10 बजे के बाद विशाखापट्टनम पहुंची थी। प्लेटफॉर्म नंबर चार में रूकते ही, यात्री अपने डिब्बों से उतर रहे थे। तो कुछ उतर चुके थे। तभी ट्रेन के सबसे अंत मेें लगी एसी बोगियों बी-6, 7 और एम-1 के साथ लगी एक और बोगी में आग भभक उठी। तब तक ये चारों बोगियां खाली हो चुकी थी। इन बोगियों में से प्रत्येक में 72-72 यात्रियों ने सफर किया था। नीचे उतर चुके यात्रियों ने भी रूक कर यह आगजनी देखा और ईश्वर का शुक्र मनाया । रेलवे अधिकारियों ने शुरू में पाया कि यह आग बी-6 बोगी के शौचालय में शॉर्ट सर्किट के कारण हुई। नतीजतन, बी-7 बोगी पूरी तरह जल गई, जबकि बी-6 और एम-1 बोगियां आंशिक रूप से जल गईं हैं। इस ट्रेन से विशाखापटनम पहुंचे नारायण राव ने ‘छत्तीसगढ़’ को बताया कि बोगी से उतरकर हम जा ही रहे थे कि एकाएक धूंआ उठा, और देखते ही देखते आग फैल गई। आग की सूचना मिलते ही आर पी एफ का दस्ता बुझाने जुटा। बोगियों में घुसने कांच की खिड़कियों को तोड़ा गया।
इस घटना ने रैक मेटेनेंस की पोल खोल दी है। पूर्व तट रेलवे विशाखापट्टनम डिवीजऩ की यह ट्रेन इंटरसिटी की तरह कोरबा तक रोजाना चलती है। जो पूर्वान्ह करीब 11 बजे कोरबा पहुंचती है और शाम 4.20 बजे के विशाखापट्टनम वापसी के लिए रवाना होती है । इन चार घंटों में कितना मेंटेनेंस, सफाई होती होगी यह समझा जा सकता है। उस पर डिवीजऩ की अपनी ट्रेन कि न होने से भी मेटेनेंस में कहीं न कहीं ढिलाई और लापरवाही बरती जाती है। और विशाखापट्टनम से यह रात 9 बजे रवाना होती है,दिनभर के हाल्ट के बाद मेटेनेंस की स्थिति को इस आग ने उजागर कर दिया है ।