रायगढ़
जांच में लाखों की वित्तीय अनियमितताएं उजागर, सरपंच-सचिव से वसूली जाएगी राशि
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायगढ़, 4 अगस्त। बैहामुड़ा पंचायत के सरपंच एवं सचिव द्वारा लाखों के गबन की शिकायत के बाद हुई जांच में वित्तीय अनियमितता की बात खुलकर सामने आ गई है। एसडीएम घरघोड़ा ने जांच रिपोर्ट के बाद 10 दिनों में कार्रवाई का आश्वासन दिया है।
ज्ञात हो कि ग्राम पटेल सनत राम राठिया के नेतृत्व में ग्राम के जागरूक नागरिकों द्वारा ग्राम पंचायत में चल रही भर्राशाही और वित्तीय अनियमितता को लेकर ज्ञापन से लेकर सडक़ तक की लड़ाई लड़ी, तब कहीं जाकर वित्तीय अनियमितता की पुष्टि जांच उपरांत हो पाई है। अब सचिव और सरपंच से वसूली की तैयारी है पर शिकायत कर्ता इतने से संतुष्ट नजर नहीं आ रहे हैं।
कई मामलों में अभी भी अस्पष्टता
कलेक्टर रायगढ़ के नाम दिए 6 जून को ग्रामीणों द्वारा किये गए शिकायत के बाद तीन सदस्यी जांच टीम जिसमे उप संचालक पंचायत, वरिष्ठ लेखा अधिकारी सहित कार्यालय अधीक्षक जिप रायगढ़ द्वारा जांच की गई। जांच में शिकायत कर्ता के साथ साथ सचिव एवं सरपंच बैहामुड़ा भी जांच दल के समक्ष उपस्थित हुए, जहां जांच उपरांत टीम द्वारा बिंदुवार अभिमत दिया गया जिसमें चार लाख तेरह हजार एक सौ रुपये की वित्तीय अनियमितता जांच टीम द्वारा पाई गई जिसका 50 फीसदी राशि की वसूली सरपंच नृपत सिंह राठिया से एवं 50 फीसदी राशि की वसूली सचिव अशोक चौहान से करने प्रकरण अनुविभागीय अधिकारी को प्रेषित किया गया है।
जांच के बाद शिकायतकर्ता का कहना है कि बिंदुवार की गई जांच में कई बिंदुओं पर दस्तावेज उपलब्ध न होने जैसे टीप से अभिमत स्पष्ट नहीं किया गया है। जांच टीम द्वारा पकड़ी गई वित्तीय अनियमितता केवल बानगी भर है अगर शिकायत की सूक्ष्म जांच करवाई जाए तो कई अनियमितता उजागर होंगी।
सरपंच की पत्नी को तालाब का ठेका, बेनियम नगद भुगतान
जांच टीम द्वारा की गई जांच में यह तथ्य भी सामने आया कि बैहामुड़ा के सरपंच नृपत सिंह राठिया ने अपनी पत्नी को ही तालाब का ठेका दे दिया। जांच टीम के सामने तालाब को लीज पर देने की कार्यवाही सम्बन्धी कोई दस्तावेज पेश नही किये गए पर लीज राशि जमा की रसीद प्रस्तुत की गई, जिससे स्पष्ट हुआ कि सरपंच द्वारा अपनी पत्नी के नाम पर ही ठेका दे दिया गया है।
इसके अलावा ग्राम पंचायत द्वारा 5000 से अधिक की राशियों का भुगतान भी नगद दर्शाया गया है जबकि नियमानुसार 5000 से अधिक की राशि का भुगतान नगद नहीं सकता।