धमतरी
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
कुरुद, 5 अगस्त। स्कूल से निकल कालेज आने के रोमांच को अपने मन से निकाल उसकी जगह लक्ष्य को रखिये, जीवन में सफल होना है तो अपने टारगेट पर फोकस करना होगा। क्योंकि समाज में क्रांति लाने के लिए एकमात्र औजार है शिक्षा, इसके अलावा और कोई विकल्प नहीं है। उक्त बातें पूर्व उच्च शिक्षा मंत्री अजय चन्द्राकर ने पीजी कालेज कुरुद में आयोजित दीक्षारंभ समारोह में मुख्य अतिथि की आसंदी से नव प्रवेशी छात्र छात्राओं से कहते हुए सभी के उज्जवल भविष्य की मंगल कामना की।
सोमवार को संत गुरु घासीदास शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय कुरुद में आयोजित दीक्षारंभ समारोह को संबोधित करते हुए स्थानीय विधायक श्री चन्द्राकर ने बताया कि कालेज को मस्ती की पाठशाला मानने की जगह लक्ष्य निर्धारित कर उसे हासिल करने की मानसिकता बना लें, इसके लिए कालेज कैम्पस में शैक्षिक वातावरण बनाना होगा, आपसी चर्चा के स्तर से ही आपकी मानसिकता का पता चलता है। नौकरी की सोंच के साथ शिक्षा हासिल करना ठीक नहीं है।
उन्होंने नई शिक्षा नीति पर बोलते हुए कहा कि 1987 के बाद देश को नई शिक्षा नीति मिली है, बीते तीस सालों में दुनिया भर की शिक्षा में कई क्रांतिकारी बदलाव हुए लेकिन हम वहीं के वहीं है। इस नई निति में कौशल एवं ललीत कला विकास पर जोर दिया गया है। अपने पूर्व वक्ताओं द्वारा नगर एवं ग्रामीण क्षेत्र में उनके द्वारा शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए किए गए प्रयासों के उल्लेख को नाकाफी बताते हुए कहा कि डेमोक्रेसी में जनप्रतिनिधि का दायित्व है कि वें अपने क्षेत्र का सर्वांगीण विकास करें। मेरे निर्वाचन क्षेत्र की अधिकांश आबादी गरीब एवं मिडिल क्लास की है। मैं चाहता हूं कि सभी को व्यवसाय आधारित, रोजगार परक, गुणवत्ता पूर्ण एवं सस्ती शिक्षा मिले। मेरी ईच्छा है कि यहाँ का जीईआर 50 फीसदी हो। कक्षा 8वीं से 12वीं और बारहवीं से कालेज तक जो गेप है वो शत-प्रतिशत हो।
पूर्व केबिनेट मंत्री श्री चन्द्राकर ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों की अवधारणा में आज भी विकास की सूची में स्कूल, कालेज एवं पर्यावरण शामिल नहीं है, उन्हें आज भी सीसी सडक़ बनवाना पसंद है।
इस मौके पर पूर्व नपं अध्यक्ष ज्योति भानु चन्द्राकर ने विधार्थियो से कहा कि आप अपनी पढाई पर फोकस करें, साधन संसाधन जुटाने के लिए एक काबिल जनप्रतिनिधि यहाँ मौजूद है। इसके पूर्व महाविद्यालय परिवार की ओर से प्राचार्य डॉ डीके राठौर, डॉ एनके मेश्राम, वायआर उईके ने अतिथियों का स्वागत अभिनंदन किया। मुख्य अतिथि ने एम्बेसडर सागर तारक, ताम्रध्वज, चेतना, डुमन, कुंजन, गंगाधीन, आस्था, केश कुमार, संतराम, बाल्मीकि, केशरी, खेमलता, धीरज, हेमलता का फूलमाला पहनाकर स्वागत किया।
इस अवसर पर प्रो. राकेश सोनकर, एचएन टंडन, जनभागीदारी समिति अध्यक्ष भोजराज चन्द्राकर, पूर्व छात्र संघ अध्यक्ष भूपेंद्र चन्द्राकर, महेश केला, सुरेश वर्धयानी, अराधना साहू, प्रभात बैस मौजूद थे।