रायपुर
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 10 अगस्त। राज्य शासन ने अपने विभागों के स्टाफ सेटअप में संशोधन का फैसला किया है। सरकार अपने 45 विभागों के जरिए काम करती है। इनमें से अधिकांश के सेटअप राज्य गठन के बाद से पुनरीक्षित नहीं किए जा सके हैं। पहले राज्य गठन और फिर कोरोना काल में मितव्ययिता बरतने के नाम पर सरकारें नामंजूर करतीं रहीं हैं।
जबकि राज्य और केंद्र की कई योजनाओं का काम वर्तमान कर्मी ही अतिरिक्त भार के साथ कर रहे हैं। इनमें समग्र शिक्षा मिशन, रूसा, आजीविका मिशन, प्रमं आवास, जेजेएम जैसे बड़े बजट के अभियान भी शामिल हैं। तो इनमें से कुछ के काम संविदा, प्लेसमेंट कर्मियों के भरोसे चल रहे हैं। इतना ही नहीं पदों की स्वीकृति न होने से कई रेगुलर पदों पर भी संविदा कर्मी कार्यरत हैं।
इसे लेकर अब सरकार ने मंत्रालय संवर्ग के सेटअप के संशोधन की प्रक्रिया की अनुमति दे दी है। और इसके लिए एक समिति का भी गठन किया है। इसमें अपर सचिव वित्त डॉ.एके. सिंह अध्यक्ष, सदस्यों में जीएडी के उपसचिव, हर विभाग के संयुक्त सचिव या उप सचिव, वित्त विभाग के नियम शाखा के अवर सचिव राजीव झाड़े शामिल हैं। आश्चर्य जनक तथ्य यह है कि समिति के प्रतिवेदन को लेकर कोई समयावधि तय नहीं की गई है।
एक स्थिति यह भी
दूसरी ओर एक पहलु यह भी है कि मंत्रालय के सेटअप को अब तक मंजूरी नहीं मिली है। जबकि सचिव जीएडी, वित्त और मुख्य सचिव की मंजूरी के बाद विभागीय मंत्री मुख्यमंत्री का अनुमोदन हो चुका है। बजट में 5 करोड़ सालाना बजट भी मंजूर हो गया है। और अब वित्त मंत्री ओपी चौधरी ने,सीएम से अनुमोदित प्रस्ताव पर चर्चा करें, लिखकर रोक दिया है। जबकि ऐसे दृष्टांत बहुत कम मिलते हैं। मंत्रालय संवर्ग के सेटअप में 134 पदों की वृद्धि प्रस्तावित है।