रायपुर
कांवड़ यात्रा भारत में शिवभक्तों द्वारा की जाने वाली एक धार्मिक यात्रा है, जो हिन्दुओं के आस्था का प्रतीक है। प्रत्येक वर्ष कांवड़ यात्रा हिन्दू पंचांग के सावन माह में भगवान शिव की आराधना में उनके भक्तों द्वारा की जाती है। इस माह में भगवान शिव के मंदिरों में कांवड़ यात्रियों की बहुत भीड़ होती है।
मोहता ने बताया कि कांवड़ यात्रा, जीवन यात्रा का प्रतीक है,जिसका उद्देश्य अनुशासन, सात्विकता और वैराग्य के साथ ईश्वरीय शक्ति से जुड़ना है। ऐसा माना जाता है कि कांवड़ यात्रा से संकल्प शक्ति के साथ आत्मविश्वास जागृत होता है। कांवड़ यात्रा सावन के पूरे महीने भक्त भगवान शिव का जलाभिषेक पूरी श्रद्धा,भक्ति,से करते है।
धर्म और जन कल्याण कार्यो की आस्था रखने वाले माहेश्वरी 51 द्वारा कांवड़ यात्रा बहुत सालो से किया जाता है,रायपुर के प्रसिद्ध हटकेश्वसर महादेव, महादेवघाट से पवित्र खारुन से जल संकल्प लेकर ,गाजे बाजे के साथ कांवड़ यात्रा प्रारंभ कर, महेश भवन में भगवान भोले नाथ के मंदिर में जल चढ़ाते है। यात्रा में कुल 50 लोग जिसमे 12 बच्चे,10 महिलाएं और 27 पुरूष शामिल हुये।