दुर्ग
आसमान छूने लगी रेत की कीमत
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
दुर्ग, 12 अगस्त। खनिज परिवहन करने वालों की हड़ताल के चलते भवन निर्माताओं की दिक्कतें बढ़ गई है। जिले बहुत सारे सप्लायरों के पास रेत व गिट्टी का स्टाक खत्म हो गया है। इसकी वजह से जिनके पास स्टाक में रेत है वे मनमाने दर पर बेच रहे हैं। ऐसे आसमान छूती रेत की कीमत के कारण जो लोग भवन निर्माण कर रहे हैं उनके काम प्रभावित हो रहे हैं। जानकारी के अनुसार खनिज परिवहन में लगे हाइवा आदि वाहनों पर 1 से 2 लाख रुपए तक के चालान काटे जा रहे है, जबकि पूर्व ओवर लोड पर चालान हजारों में था। जिले में रेत की एक भी खदान चालू नहीं है, जिसकी वजह से यहां के बिल्डिंग मटेरियल सप्लायर पड़ोस के धमतरी जिले से आने वाले रेत पर निर्भर है। जहां भी जिले (धमतरी) के बाहर के वाहनों पर ओवर लोड आदि पर भारी भरकम जुर्माना वसूल किया जा रहा है।
इस ओर सरकार आकृष्ट कराने खनिज परिवहन से जुड़े वाहन मालिकों द्वारा सप्ताह भर से हड़ताल किया जा रहा है। इससे जिले में खनिज परिवहन में लगे हाइवा आदि वाहनों के पहिए थम गए हैं। सूत्रों के अनुसार हड़ताल कर रहे वाहन मालिकों के प्रतिनिधि मंडल की मामले में आज मुख्यमंत्री से चर्चा की संभावना है।
जानकारी के मुताबिक हड़ताल की वजह से जिले में रेत आ नहीं पा रही है। इसका फायदा उठाते हुए जिनके पास स्टाक है ऐसे कई लोग 17 से 18 हजार रुपए तक प्रति हाइवा (600 फीट रेत) बेच रहे हैं जबकि हड़ताल के पहले तक यह 13-14 हजार रुपए में मिल रहा था। वहीं प्रति ट्रेक्टर रेत 5000 रुपए तक बेची जा रही है। अनेक सप्लायरों के पास रेत एवं गिट्टी का स्टाक ही नहीं बचा है, ऐसे में भवन निर्माताओं को रेत नहीं मिल पा रहा है।