दुर्ग
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
कुम्हारी, 13 अगस्त। निकटवर्ती ग्राम सुरजीडीह में प्रतिवर्षानुसार इस वर्ष भी साहित्यकार स्वर्गीय तिलक परगनिया के 27 वे पुण्यतिथि पर कवि सम्मेलन का सफल आयोजन किया गया, जिसमें ऋतंभरा साहित्य समिति कुम्हारी सहित दुर्ग भिलाई एवं रायपुर से पधारे कवियों ने अपनी रचनाओं का पाठ किया।
सर्वप्रथम मन्नूलाल परगनिहा ने स्व. तिलक परगनिया के तैल चित्र पर माल्यार्पण, दीप प्रज्वलित व पुष्पांजलि अर्पित की पश्चात चिंतामणि साहू के द्वारा मां सरस्वती की वंदना के साथ कवि सम्मेलन की शुरुआत हुई।
सभी कवियों ने अपनी अपनी मौलिक रचना के साथ स्व. तिलक पगनिया के लिखें काव्य संग्रह शिलालेख पर अपने विचार प्रकट किए। डॉ. परदेशी राम वर्मा एवं महेश वर्मा ने तिलक के लेखनी पर प्रकाश डाला, मन्नूलाल परगनिहा ने हक की तिलक के जाने के बाद विगत 27 वर्षों से आज ही के दिन उन्हें याद कर यह आयोजन किया जाता जो अनवरत चल रहा है। सभी ने दो मिनट का मौन धारण कर स्व. तिलक परगनिया को श्रद्धांजलि दी। इसके पश्चात सभी रचनाकारों ने अपनी रचनाओं का पाठ किया।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. परदेशी राम वर्मा, विशेष अतिथि ब्रजेश मलिक व महेश वर्मा थे अध्यक्षता नारायण वर्मा एवं कार्यक्रम का सफल संचालन डॉ. वीणासिंग रागी ने किया।
कार्यक्रम में ओमवीर करण, बैकुंठ महानंद , छगन सोनी , बिंधराज कांटामांजी, लखन लाल साहू, नूरू सबा, फरीदा शाहीन भिलाई, चिंतामणि साहू, रघुनाथ देशमुख, बिसरूराम कुर्रे, जगन्नाथ निषाद, नंदलाल यादव, भूपेंद्र साहू, हेमलाल निर्मोही, डॉ. नीलकंठ देवांगन, कामता दिवाकर, रोहित निषाद, सुनीता परगनिया, सरिता बघेल, मीना वर्मा, बीणा बंछोर आदि ने अपनी रचनाओं का पाठ कर इस आयोजन को सफल बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। कार्यक्रम के अंत में मन्नूलाल परगनिहा ने सभी का आभार प्रकट किया।