रायपुर
2024 को लिए रैंकिंग जारी, सरकार ने खर्च किए 1500 करोड़
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 13 अगस्त। टैक्स पेयर के हजार करोड़ खर्च करने के बाद भी सरकार उनके बच्चों को बेहतर उच्च शिक्षा संस्थान उपलब्ध कराने में विफल रही है। यही वजह है कि नेशनल इंस्टीट्यूशनल फ्रेमवर्क रैंकिंग 2024 में छत्तीसगढ़ के किसी भी विश्वविद्यालय या कॉलेज ने टॉप 10 में स्थान नहीं बनाया है। यह रैंकिंग 13 श्रेणियों में जारी की गई है।इनमें से किसी में भी छत्तीसगढ़ के किसी भी राष्ट्रीय, प्रादेशिक शिक्षण संस्थान ने स्थान नहीं बनाया।
रैंकिंग को लिए शिक्षक, लैब, सुविधाएं, प्लेसमेंट जैसे कई मापदंड पर दी जाती है। और छत्तीसगढ़ का कोई संस्थान इसमें पूर्ण नहीं पाया गया,दुर्दशा ही रही।
केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने सोमवार को नेशनल इंस्टीट्यूशनल फ्रेमवर्क रैंकिंग 2024 की घोषणा कर दी है। राजधानी या प्रदेश में ही बेहतर उच्च शिक्षा का सपना देखने वाले छात्र अभिभावकों के लिए मायूसी भरी खबर है कि छत्तीसगढ़ का कोई संस्थान टॉप-10 ही नहीं 50 में भी शामिल नहीं हो पाया।
रैंकिंग की स्टेट केटेगरी में प्रदेश का सबसे पुराना रविशंकर विश्वविद्यालय 200 के बैंड से भी बाहर रहा। प्रदेश के 13 राजकीय विश्वविद्यालयों कि भी यही हाल है। यहां तक की एक मात्र केंद्रीय विश्वविद्यालय बिलासपुर भी कोसों दूर रहा। कुछ ऐसी ही स्थिति तकनीकी विश्वविद्यालय, चिकित्सा एवं आयुष विश्वविद्यालय के साथ इंजीनियरिंग, मेडिकल और डेंटल कॉलेजों की भी है ।
वहीं टॉप-300 कॉलेज में छत्तीसगढ़ के 260 कला- वाणिज्य और विग्यान कॉलेज में से एक भी कॉलेज टॉप 100में भी नहीं है । वहीं केंद्रीय शिक्षा संस्थानों में आईआईएम टॉप-10 से बाहर 14वें स्थान पर है।एनआईटी रायपुर ओवरआल तो नहीं केवल इसके आर्किटेक्चर विभाग की रैंकिंग 36वीं रही। वहीं एम्स रायपुर को 38 वें स्थान से संतुष्ट होना पड़ा । सबसे बुरी स्थिति तो ट्रिपल आईटी नवा रायपुर और एचएनएलयू नवा रायपुर तो अपनी केटेगरी की रैंकिंग बैंड से ही गायब है।
एनआईआरएफ रैंकिंग में आईआईटी मद्रास लगातार सात सालों से इंजीनियरिंग श्रेणी में टॉप पर है। ओवरऑल कैटेगरी में आईआईटी मद्रास टॉप पॉजिशन पर है।2023 में, आईआईटी मद्रास को ओवरऑल के साथ इंजीनियरिंग श्रेणियों में सर्वश्रेष्ठ संस्थान घोषित किया गया है?
देश में उच्च शिक्षण संस्थानों की यह लिस्ट 13 श्रेणियों में जारी की गई है, जिसमें यूनिवर्सिटीज, कॉलेज, इंजीनियरिंग, मैनेजमेंट, लॉ, आर्किटेक्चर, डेंटल, इनोवेशन, एग्रीकल्चर, अलॉयड इंस्टीट्यूशन और रिसर्च इंस्टीट्यूशन शामिल है। आईआईएससी बेंगलुरु ने टॉप यूनिवर्सिटी, डीयू के मिरांडा हाउस ने नंबर वन कॉलेज का खिताब अपने नाम किया है।
एक नजर दो वर्ष के बजट पर
यह रैंकिंग वर्ष 23-24 के गणना वर्ष के लिए जारी की गई है। और बीते वर्ष सरकार ने मुख्य बजट में उच्च एवं तकनीकी शिक्षा विभाग के लिए 952.16 करोड़ रूपए दिए थे। और इसमें तीन अनुपूरक प्रावधान शामिल करने पर यह बढक़र 1300 करोड़ था। वहीं इस वर्ष 2024-25के मुख्य बजट में उच्च शिक्षा के लिए 1483.37 करोड़ और 566.27करोड़ रूपए दिए गए हैं । और अभी मानसून सत्र में दोनों ही विभागों को कुछ सौ करोड़ रूपए और दिए गए हैं। पिछले वर्ष के मुकाबले इस वर्ष अकेले उच्च शिक्षा विभाग को मुख्य बजट में ही 531 करोड़ रूपए दिए गए हैं। अब इस वर्ष के खर्च से कितनी सुविधाएं जुटा कर रैंकिंग का सुधार अगले वर्ष नजर आएगा।
(राशि के आंकड़े बजट पुस्तिका से)