रायपुर
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 13 अगस्त। साहित्य विधा समूह के स्थापना दिवस के अवसर पर सोमवार को वृंदावन हॉल में साझा संस्मरण संग्रह विमोचन कार्यक्रम आयोजित किया गया। मुख्य अतिथि छत्तीसगढ़ राजभाषा आयोग की सचिव डॉ. अभिलाषा बेहार , विशिष्ट अतिथि व्यंग्य यात्रा पत्रिका के संपादक प्रेम जनमेजय रहे। साहित्य विधा संचालक मंडल के सदस्य डॉ. सरोज दुबे विधा आदि ने एक साझा संस्मरण सुधियों की दस्तक का विमोचन किया ।
इस पुस्तक में छत्तीसगढ़ एवं अन्य प्रदेशों के 60 से अधिक रचनाकारों ने अपनी सहभागिता दर्ज की। इस पुस्तक की संपादक विजया ठाकुर , सह संपादक प्रीति मिश्रा व ज्योति परमाले है। दीप प्रज्वलन पश्चात् डॉ सरोज दुबे विधा ने सरस्वती वंदना की।
साथ ही साहित्य विधा की उपलब्धियाँ एवं जानकारी साझा की। सुधियों की दस्तक साझा संस्मरण संकलन की संपादक विजया ठाकुर ने पुस्तक की विस्तृत जानकारी दी। चूंकि साहित्य विधा आयोजन समिति में महिलाएं ही हैं इसलिए मुख्य अतिथि डॉ. अभिलाषा बेहार ने कहा कि कोई तस्वीर मुकम्मल नहीं औरत के बगैर, महिलाओं द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम में शामिल होकर खुद को गौरवान्वित महसूस कर रही हूं। उन्होंने मधुर वाणी में अपनी स्वरचित रचनाओं का पाठ भी किया। कार्यक्रम के अध्यक्ष गिरीश पंकज ने कहा कि महिलाएं पद्य के क्षेत्र में बहुत लिख रही हैं परंतु गद्य के क्षेत्र में भी महिलाओं का इस तरह आगे आना सराहनीय कदम है। विशिष्ट अतिथि के तौर पर दिल्ली से आए वरिष्ठ साहित्यकार प्रेम जनमेजय ने कहा कि संस्मरण घटनाओं का संक्षिप्त विवरण नहीं है बल्कि एक संस्मरण में पूरे परिवेश का वर्णन जरूरी है ।
विशिष्ट अतिथि ब्रिगेडियर प्रदीप यदु ने कहा कि साहित्य विधा द्वारा प्रकाशित अगली पुस्तक देशभक्ति पर आधारित होनी चाहिए। मुख्य वक्ता डॉ. सुधीर शर्मा ने कहा कि महिलाएं साहित्य सृजन के क्षेत्र में आगे बढ़ रही हैं वह साहित्यिक कार्यक्रमों का आयोजन कर नवोदय रचनाकारों को मंच प्रदान करने का उल्लेखनीय कार्य कर रही है । इसी क्रम में वक्ता स्पीकर शिव ग्वालानी अपना संस्मरण सुनाए। दूसरे वक्ता रामेश्वर शर्मा ने मंच से बेहतरीन रचना पाठ किया। सुधियों की दस्तक साझा संस्मरण संकलन में लेखन सहभागिता करने वाले रचनाकारों को मंच पर पुस्तक एवं स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया।
इस अवसर पर श्रीमती शशि दुबे,आचार्य अमरनाथ त्यागी, श्रीमती लतिका भावे,श्रीमती मंजू यदु, के. पी.सक्सेना दूसरे, श्रीमती चंद्रकांता त्रिपाठी, शकुंतला तरार, डॉ महेंद्र ठाकुर, सक्सेना, नीलिमा मिश्रा, शुभ्रा ठाकुर, रत्ना पांडे, कुमार जगदलवी विशेष रूप से उपस्थित थे। स्वागत उद्बोधन डॉ सीमा निगम ने किया। मंच संचालन डॉ सीमा अवस्थी मिनी व भारती यादव मेधा ने किया।