राजनांदगांव
कलेक्टर से मिलकर करेंगे रोक की मांग
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 9 सितंबर। शहर के खेल मैदानों के व्यवसायीकरण को लेकर स्थानीय खिलाड़ी नाराज हैं। शहर के भीतर खेल मैदानों की स्थिति दयनीय है। इसके बीच खेल मैदानों को मनोरंजन के लिए किराये पर देने का चलन बढ़ा है। खेल प्रेमियों को मैदान की कमी के कारण दिक्कतें खड़ी हो गई है। इसी कड़ी में स्थानीय खिलाड़ी कलेक्टर से मिलकर खेल मैदानों में लगने वाली दुकानों पर रोक लगाने की मांग करेंगे।
खिलाडिय़ों का कहना है कि स्टेट स्कूल मैदान व म्युनिसिपल स्कूल मैदान का उपयोग खेल के लिए किया जाता है, लेकिन अगस्त, सितंबर, अक्टूबर व नवंबर के लिए मैदान का उपयोग 4 महीने के मेला के लिए किया जा रहा है। इस पर स्थानीय खिलाडिय़ों का कहना है कि मैदान से सभी प्रकार की गतिविधियों पर रोक लगाया जाए, ताकि खिलाड़ी अपना दैनिक खेल का अभ्यास कर सकें।
खिलाडिय़ों का कहना है कि स्टेट स्कूल और म्युनिसिपल स्कूल मैदान में प्रतिदिन 200 से ज्यादा खिलाड़ी खेलते हैं। खिलाडिय़ों का कहना है कि मैदान में आयोजन के लिए दी गई सभी प्रकार की परमिशन रद्द किया जाए और खिलाडिय़ों के भावना का सम्मान हो।
खिलाडिय़ों का कहना है कि राजनांदगांव में खेलने के लिए स्टेट स्कूल मैदान व म्युनिसिपल स्कूल मैदान मुख्य मैदानों में से एक है। विभिन्न प्रकार के आयोजन से स्टेट स्कूल मैदान अपना वास्तविक रूप खाते जा रहा है। मैदान में रेती-गिट्टी-मिट्टी के प्रयोग से मैदान खराब हो रहा है। ऐसे में प्रशासन द्वारा एक साथ 2 महीने की अनुमति मेला के लिए दी जाती है। जिससे खिलाडिय़ों के मन को गहरा अघात पहुंचता है।
कमला कॉलेज मैदान में मीना बाजार का विरोध
शहर के कमला कॉलेज मैदान में लगने वाले मीना बाजार का भी विरोध शुरू हो गया है। बताया जा रहा है कि उक्त मैदान में भी सुबह और शाम के समय क्षेत्र के खिलाड़ी अभ्यास करने पहुंचते हैं। ऐसे में मैदान में अतिक्रमण होने और उसकी दशा दयनीय होने को लेकर स्थानीय खिलाड़ी इसका विरोध कर रहे हैं।
बताया जा रहा है कि ऐसे ही शहर के मध्य स्थित म्युनिसिपल स्कूल और स्टेट स्कूल मैदान में भी पूर्व में हुए आयोजनों की वजह से उक्त मैदान की स्थिति दयनीय हो गई है।