सरगुजा
पार्षद रहते कूटरचना कर राशि निकालने का मामला
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
अम्बिकापुर, 9 सितंबर। न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी सूरजपुर ने पूर्व पार्षद सुनील अग्रवाल के विरुद्ध एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया है।
डॉ. डीके सोनी अधिवक्ता एवं आरटीआई कार्यकर्ता के द्वारा मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी सूरजपुर के न्यायालय में सुनील अग्रवाल पूर्व पार्षद के रूप के विरुद्ध धारा 156(3) दंड प्रकरण संहिता के तहत मय दस्तावेजों के आवेदन प्रस्तुत किया गया था, जिसमें यह उल्लेख किया गया था कि सुनील अग्रवाल जो वर्ष 2013 में नगर पालिका परिषद सूरजपुर के निर्वाचित पार्षद थे, तब ठेकेदार के रूप में वार्ड क्रमांक 13 बाडका पारा रोड से हार्ट बाजार तक सीसी रोड निर्माण का कार्य कराया गया था जिसकी शिकायत कलेक्टर सूरजपुर से की गई थी।
जांच में यह पाया गया कि सुनील अग्रवाल के द्वारा निर्माण कार्य में अनियमितता बरती गई है तथा जिस तरह का कार्य कराना था, वह नहीं कराया गया एवं बिना कार्य कराए ही 2,27,882/- रुपए का भुगतान प्राप्त कर लिया गया है। इस संबंध में कलेक्टर सूरजपुर के न्यायालय में प्रकरण चला था। जिसमें शासकीय राशि का गबन प्रमाणित पाया गया था। इस आधार पर सुनील अग्रवाल को छत्तीसगढ़ नगर पालिका अधिनियम 1961 की धारा 41(3) के अंतर्गत नगर पालिका परिषद या नगर पंचायत का आगामी अवधि अर्थात आदेश दिनांक से 5 वर्षों के लिए पार्षद का चुनाव लडऩे के लिए अपात्र कर दिया गया। सुनील अग्रवाल के विरुद्ध शासकीय राशि का गबन फर्जी दस्तावेज के आधार पर करने के संबंध में प्रथम सूचना पत्र दर्ज कराए जाने हेतु आवेदन प्रस्तुत किया गया था।
सुनील अग्रवाल के द्वारा नगर पालिका परिषद के निर्वाचित पार्षद पद पर होने के बाद भी ठेकेदार का कार्य किया गया तथा फर्जी दस्तावेज तैयार का शासकीय राशि का आहरण किया उक्त शासकीय राशि आहरण करने के संबंध में तथा अन्य निर्माण कार्यों में गुणवत्ता तथा तकनीकी की जांच रिपोर्ट कलेक्टर सूरजपुर के समक्ष 27/9/2013 को प्रस्तुत किया गया था, इसमें यह उल्लेख किया गया है कि सुनील अग्रवाल के द्वारा निर्माण कार्यों में काफी गड़बड़ी की है जिसके लिए सुनील अग्रवाल दोषी है।
उपरोक्त जांच प्रतिवेदन एवं दस्तावेज से यह प्रमाणित होता है कि सुनील अग्रवाल के द्वारा फर्जी दस्तावेज के माध्यम से शासकीय राशि का गबन किया है जो की अपराधिक कृत्य है तथा अपराध अंतर्गत धारा 409,420 ,467, 468 भा0द0वि0 के तहत दंडनीय है।
जिसके लिए प्रथम सूचना पत्र दर्ज कराए जाने हेतु दिनांक 14/2/2024 को थाना प्रभारी सूरजपुर को आवेदन लिखा गया जिसमें किसी प्रकार की कार्रवाई नहीं होने के कारण दिनांक 27/3/2024 को पुलिस अधीक्षक सूरजपुर के समक्ष प्रथम सूचना पत्र दर्ज कराए जाने हेतु आवेदन प्रस्तुत किया गया जिसमें किसी भी प्रकार के कोई कार्रवाई नहीं होने के कारण मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी सूरजपुर के न्यायालय 156(3) दंड प्रकरण संहिता का आवेदन प्रस्तुत किया गया था।
न्यायिक दंडाधिकारी प्रथम श्रेणी सूरजपुर डी.एस. बघेल के द्वारा सुनवाई करने के उपरांत एवं प्रस्तुत दस्तावेजों का अवलोकन करने के बाद 3 सितंबर 24 को आदेश पारित करते हुए सुनील अग्रवाल के विरोध प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज का अन्वेषण करते हुए शीघ्र अंतिम प्रतिवेदन न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत करने का आदेश दिया गया। जिसके लिए 5 सितंबर को थाना प्रभारी थाना सूरजपुर को ज्ञापन जारी कर आदेश का पालन करने का आदेश दिया गया है।