रायपुर
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 13 सितंबर। सीबीआई के शिकंजे में आए वरिष्ठ लेखाधिकारी (महालेखाकार) वीरेंद्र पटेल को लेकर कई खुलासे हो रहे हैं। करीब तीन वर्ष तक दस्तावेजी जांच के बाद सीबीआई ने सोमवार को पटेल के दफ्तर और घर पर दबिश दी।
सीबीआई /आयकर सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार. पटेल महालेखाकार कार्यालय में विगत 10 वर्ष से अधिक समय से रायपुर के ही आडिट विंग में कार्यरत हैं। यह विंग, आयकर छापों के बाद होने वाले आडिट मामले देखता है। यह भी बताया गया है कि पटेल ऐसे मामले लेकर संबंधित पार्टियों से व्यक्तिगत संपर्क कर नेगोशियन में करते रहे हैं। इसे लेकर आयकर अन्वेषण विंग को भी इनपुट मिलते रहे हैं। बताया गया है कि इसके चलते आयकर अमले की निष्ठा संदिग्ध हो रही थी।
वर्तमान में आयकर महानिदेशालय की अपने अमले पर निगेहबानी को देखते हुए स्थानीय आईटी अफसर अपनी सतर्कता बरत रहे थे। यह भी बताया गया है कि आयकर अमले ने ही सीबीआई को दस्तावेजी मदद की। सीबीआई ने पूरी पुख्ता जांच के बाद घेरा है। अब तक की पड़ताल में पटेल, पत्नी, पुत्र और अन्य परिजनों के नाम 15 अचल संपत्ति मिलने का खुलासा हुआ है। बताया जा रहा है कि मोवा इलाके के लोहिया कॉलोनी में निवासरत पटेल, हाल ही में वीआईपी क्लब जैसे पॉश कॉलोनी के नए आवास में शिफ्ट हुए थे । सीबीआई ने इन सभी ठिकानों में भी जांच की है।
एजी आफिस के अफसर, पटेल को पारिवारिक रूप से संपन्न अवश्य बता रहे हैं। पटेल मूलत: बसना निवासी है ।
सीबीआई के प्रेस नोट के मुताबिक 13 जुलाई 06 को एसओ (स्ह्र) के पद पर ग्रेड वेतन 4,800 रु. में नौकरी ज्वाइन की थी। नौकरी ज्वाइन करने के बाद से उसने कथित तौर पर प्रति वर्ष कृषि भूमि, आवासीय भूखंड आदि के रूप में लगभग 10 अचल संपत्तियां अर्जित/खरीदी। आगे, यह आरोप है कि आरोपी भ्रष्ट गतिविधियों में लिप्त था एवं उसने जानबूझकर आपराधिक कदाचार करके स्वयं को गलत तरीके से समृद्ध किया तथा अपनी आय के ज्ञात स्रोतों से अधिक की भारी संपत्ति अर्जित की। आरोपी ने कथित तौर पर 31.08.2007 से 31.05.2024 की अवधि के दौरान अपने एवं अपनी पत्नी के नाम पर 3,89,53,980/- रु. (लगभग) की अचल/चल संपत्ति अर्जित/संचित की। यह भी आरोप है कि 31.08.2007 से 31.05.2024 की जाँच अवधि के दौरान आरोपी की आय से अधिक की संपत्ति(ष्ठ्र) 1,47,50,143/- रु.(लगभग) थी।