दुर्ग
महमरा एनीकट के10 फीट ऊपर तक पानी
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
दुर्ग, 14 सितंबर। बाढ़ की पानी से शिवनाथ एवं आमनेर नदी तट में बसे दर्जन भर गांव पानी से घिर गए थे इनमें से शिवनाथ तट पर बसे सहगांव अब भी पानी से घिरा है। शेष सभी गांवों से पानी नीचे उतर गया है। सहगांव में बोर बाढ़ की पानी में डूबा है एवं बिजली सप्लाई भी बंद है। इससे गांव में पेयजल संकट विकराल होता जा रहा लोग कुछ सहेज कर रखे तीन दिन पुराने पानी से प्यास बुझा रहे हैं तो कई लोग एक मात्र अनुपयोगी खारे पानी वाले एकमात्र हैण्डपंप का पानी पीने मजबूर है। वहीं अभी भी शिवनाथ में महमरा एनीकट के 10 ऊपर से पानी का बहाव जारी है।
ग्राम के दीपक पटेल ने बताया कि गांव का 70 प्रतिशत हिस्सा अभी भी जलमग्न पूरा गांव आज दूसरे दिन भी पानी से घिरा रहा ग्राम के अधिकांश लोग दूसरे के घरों में ठहरे है एक मात्र हैण्डपंप ऊपरी हिस्सा में है, जिसका पानी खारा होने की वजह से पीने लायक नहीं है। बाढ़ से घिरे ग्रामीण पेयजल की समस्या से जूझ रहे कुछ लोगों के घरों में थोड़ा बहुत पुराना पानी बचा उससे जैसे तैसे काम चला रहे हैं। कुछ लोगों ने ग्रामीणों को बताया कि उनके ग्राम के लिए किसी ने पानी पाऊच लाया है जो पथरिया में है जिसे नाव के माध्यम से ही गांव तक लाया जा सकता है पेयजल के साथ ही बिजली बंद होने से ग्रामीणों को रात के अंधेरे में कीड़े मकोड़े का डर रहता है इसलिए वे रात्रि का समय खुले आसमान के नीचे छत पर गुजारते है क्योंकि प्रकाश व्यवस्था के लिए उनके पास मिट्टी तेल भी नहीं न ही प्रशासन ने मोमबत्ती वगैर व्यवस्था करा रहे है।
उन्होंने बताया कि गांव बहुत से लोगों के घर गैस नहीं लकड़ी व कंडे पानी में भीग गए हैं। इससे भोजन बनाने में भी दिक्कत आ रही है खाना पकाने के लिए संसाधन के अभाव से जूझ रहे हैं। गांव में बीपी एवं शुगर के भी कई ग्रामीण मरीज है जो दवाई को लेकर चिंतित है। रामायण पटेल का कहना मवेशियो के लिए रहने व चारा नहीं है। बाढ़ का पानी उतरने पर पता चल पाएगा ये किस हाल में है कई किसानो के घर में रखे खाद बह गए बहुत से समान भी बाढ़ की पानी में खराब हो गए। तांदुला जलसंसाधन के ईई सुरेश पांडेय के अनुसार तांदुला जलाशय में वर्तमान में 96 प्रतिशत जल भराव हो गया है। खरखरा, खपरी एवं मटियामोती छलक रहे हैं जहाँ से 6000 क्यूसेक पानी शिवनाथ में आ रहा है वहीं गोंदली जलाशय में भी अब 70 प्रतिशत जल भराव हो गया है।