दुर्ग
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
दुर्ग, 16 सितंबर। भारतमाला परियोजना के तहत जिन लोगों की जमीन अधिग्रहित की गई है उन्हें अब तक मुआवजा की राशि नहीं मिलने से आक्रोश बढ़ रहा है। पहले मुआवजा फिर कार्य भारत भारतमाला परियोजना सडक़ प्रभावित भूस्वामियों ने निर्माण स्थल पर पोस्टर लगाकर काम बंद करने ग्राम खम्हरिया में जमकर क प्रदर्शन किया।
उन्होंने ग्राम खम्हरिया के पास बन रहे ब्रीज के स्ट्रक्चर के ऊपर पोस्टर लगाया इसमें उक्त स्थल पर जिन भूस्वामियों की जमीन अधिग्रहित की गई है उनका नाम ,खसरा नंबर एवं मोबाइल नंबर भी लिखा हुआ साथ ही पहले मुआवजा फिर कार्य का नारा लिखा हुआ।
प्रभावित भूमि स्वामी महेश चंद्राकर का कहना कि इसी तरह जहां जहां पर भारत माला का कार्य चल रहा उन स्थानों पर प्रदर्शन कर वहां पर के प्रभावित किसानो का नाम लिखकर पोस्टर चस्पा किया जाएगा और प्रदर्शन भी करेंगे।
प्रभावित किसानों का कहना है कि दुर्ग जिला के ग्राम थनौद से होते हुए ग्राम हनोदा, धनोरा, खम्हरिया, उमरपोटी, सिपकोन्हा, बोरीगारका आदि गांवों से होते हुए भारत माला सडक़ निकल रही है, जिसके लिए शासन द्वारा ग्रामीणों की जमीन 6 सितंबर 2018 को भारत राजपत्र में अधिसूचना के तहत अधिग्रहित कर लिया गया है। परन्तु आज 6 वर्ष हो गए भूस्वामियों को मुआवजा की राशि नहीं दी गई है। इस संबंध में भूअर्जन विभाग में पूछने पर 3 वर्ष से यही कहा जाता है कि हम बिल बनाकर स्वीकृति के लिए भेज दिए हैं। भूअर्जन अधिकारी के पास जाने से हमारी बात सुनने के बाद रजिस्ट्री पेपर जमा करने कहा जाता है ।
प्रभावितों का कहना है कि आज तक वे एक ही कार्य के लिए एक ही आफिस में चार बार रजिस्ट्री पेपर जमा कर चुके हैं परन्तु परिणाम शून्य है । जहाँ तक हमारी जानकारी के अनुसार अभी तक कोई भी भू-अर्जन अधिकारी स्थल निरीक्षण में नहीं आया है। पटवारी के तरफ से भी उन्हें कोई जानकारी नहीं दी जाती । पटवारी द्वारा उनसे चर्चा किए बगैर रिपोर्ट बनाया गया है। उनका कहना है कि वे सब मध्यमवर्गीय परिवार से हैं। उन्होंने थोड़ी-थोड़ी बचत कर, ऋण लेकर मकान बनाने के उद्देश्य से, जीविकोपार्जन के लिए छोटा व्यवसाय करने के उद्देश्य से भारत राजपत्र में अधिसूचना के पूर्व वर्गफीट में जमीन खरीदी है। परन्तु मुआवजा में विलंब होने के कारण बहुत निराश है।
निराशा के कारण एक व्यक्ति आत्महत्या भी कर चुका है। कुछ लोग ग्राम पंचायत से स्वीकृति लेकर मकान भी बना लिए हैं व कुछ लोग छोटा व्यवसाय भी कर रहे हैं।