बेमेतरा

जिले में 8 स्कूल हैं शिक्षक विहीन, 57 स्कूलों में टीचर नहीं
03-Oct-2024 2:36 PM
जिले में 8 स्कूल हैं शिक्षक विहीन, 57 स्कूलों में टीचर नहीं

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बेमेतरा, 3 अक्टूबर।
साल-दर-साल गुजर जाने के बाद भी जिले के शत-प्रतिशत स्कूलों में अभी तक शिक्षकों की कमी की समस्या बरकरार है। जिले में बीते सत्र के दौरान जिले के चार स्कूल शिक्षक विहीन थे पर सत्र में शिक्षक विहीन स्कूलों की संख्या बढक़र 8 पहुंच गई है। शिक्षक विहिन स्कूलों में जिला मुख्यालय का एक व साजा में संचालित दो स्कूल शामिल हैं।

जिले के बेमेतरा, साजा, बेरला व नवागढ़ ब्लॉक में 57 स्कूल शिक्षक विहीन हैं। बीते सत्र में 42 स्कूल ही एकल शिक्षकीय थे। शिक्षक संकट का सामना कर रहे सरकारी स्कूलों की संख्या बढ़ती जा रही है। जानकारी हो कि जिला के बेमेतरा, बेरला, नवागढ़ व साजा ब्लॉक में संचालित प्राथमिक, मीडिल, हाई व हायर सेकेंडरी स्तर के स्कूलों के लिए अलग-अलग संवर्ग के 7790 पद स्वीकृत किए गए हैं, जिसमेें 5031 पद पर कार्यरत हैं। बचत 2759 पद रिक्त हैं। रिक्त पदों में सहायक शिक्षक, प्रधान पाठक, शिक्षक एलबी, प्राचार्य व व्यायाता शामिल हैं। ‘छत्तीसगढ़’ द्वारा जुटाई गई जानकारी के अनुसार रिक्त पदों की कमी कई स्कूलों के लिए भारी पड़ रही है। कई स्कूल ऐसे भी हैं, जहां पर बीते कई साल से शत-प्रतिशत शिक्षकों की कमी है। कमी वाले स्कूलों में अध्यापन का कार्य अटैच कर चलाया जा रहा है।

8 स्कूल शिक्षक विहीन 
आमतौर पर यह माना जाता है सडक़ विहीन या दूर के स्कूलों में शिक्षक पदस्थापना लेने में कतराते हैं पर जिले में इसके ठीक विपरीत स्थिति है। यानी जिला मुख्यालय में संचालित अभ्यास शाला व साजा में संचालित प्राथमिक स्कूल सीबीएसई व पूर्व माध्यमिक शाला कन्या स्कूल भी शिक्षक विहीन है। इनके साथ ही बेमेतरा कवर्धा रोड पर सडक़ किनारे संचालित प्राथमिक शाला अगरीखुर्द भी शिक्षक विहीन है। इसी तरह बेमेतरा ब्लॉक का शासकीय प्राथमिक शाला सुखाताल, सोनपुरी व साजा ब्लॉक के पथर्रीखुर्द, मुढिय़ा स्कूल भी शिक्षक विहीन हैं। बीते सत्र के दौरान जिले में केवल मुटपुरी, पथरीखुर्द कन्या शाला व खहरिया शिक्षक विहीन स्कूल थे, जो बढक़र डबल हो गए हैं। बिते दो सत्र से ग्राम पथर्रीखुर्द व प्राथमिक स्कूल साजा शिक्षक विहीन स्कूल बना हुआ है।

जिला पंचायत उपाध्यक्ष व शिक्षा समिति अध्यक्ष अजय तिवारी ने बताया कि समिति की बैठक में शिक्षक विहीन स्कूल व एकल शिक्षक वाले स्कूलों की समस्या दूर करने के लिए सक्षम अधिकारी को कहा गया है।

42 से बढक़र 57 हो गई एकल स्कूलों की संख्या 
जिला में एकल शिक्षक वाले स्कूलों की संख्या 42 से बढक़र 57 तक पहुंच चुकी है। इस तरह के स्कूलों में पूर्व माध्यमिक स्कूल चरगवा, मुटपुरी, पूर्व माध्यमिक शाला नवागढ़, हाईस्कूल ठेंगाभाट व मुर्रा भी एक शिक्षक के भरोसे चल रहा है। प्रभावित स्कूलों में से चरगावां में 122, मुटपुरी में 156, ठेंगाभाट में 120, हाईस्कूल मुर्रा में 89, पूर्व माध्यमिक स्कूल नवागढ़ में 89 विद्यार्थी हैं। हालांकि इन स्कूलों में अटैच या अस्थाई शिक्षकों के भरोसे काम चलाया जा रहा है। स्कूलों में स्थायी शिक्षकों की कमी भारी पड़ रही है।

साजा में दो दर्जन स्कूल एकल शिक्षकीय, बेमेतरा में 15 स्कूल 
57 एकल शिक्षकीय स्कूलों में बेमेतरा ब्लॉक के चरगांवा, मुटपुरी, बैहरसरी, सांरगपुर, नवलपुर, खैरझिटी, अमलीडीह, बिरमपुर, सिंधनपुरी, मरजादपुर, डुंडा, भवरदा, सुरकी, मोतिमपुर, बेरला ब्लॉक के पिपरोलडीह, मोहभ_ा, डंगनिया ख, चेटुवा, संडी, सिरसा, नवागढ़ ब्लॉक के नवागांव, किरता, घोघराली, तुमडीपार, गोडमर्रा, लुक, गाडाभाठा, संबलपुर, करही, भरदालोधी, मटिया, सौरी, नवीन गाड़ाघाट, बगडुमर, धौराभाठा, बोरिया, दर्री, गुवारा,ठेलका, हाथीडोब, तोरण, गाड़ाडीह, बगलेडी, हेडसपुर, उसलापुर, बुधवारा, टिपनी, रेंगा, गाड़ाधाट, मोतेसरा, गभराडीह शामिल हैं। इस तरह के स्कूल में पदस्थ एक मात्र शिक्षक को पढ़ाने व कार्यालय दोनों तरह के कार्य की जिमेदारी उठानी पड़ रही है, जिससे पढाऩे का कार्य अधिक प्रभावित हो रहा है। शिक्षक ने नाम न बताने के शर्त पर बताया कि उन्हें बैठक में ब्लॉक, जिला कार्यालय, बैंक संबंधित कार्य व अन्य कार्य के लिए जाना पड़ता है तो स्कूल को सफाई कर्मियों के भरोसे छोडक़र जाते है। इस तरह के कई व्यवाहारिक दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।

अन्य पोस्ट

chhattisgarh news

cg news

english newspaper in raipur

hindi newspaper in raipur
hindi news