रायपुर
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 3 अक्टूबर। माध्यमिक शिक्षा मंडल के एक फरमान ने शिक्षा विभाग ने हडक़ंप मचा दिया है। इसके मुताबिक एंट्री लेट फीस के नाम पर 25000 रुपये तक जमा करने का निर्देश दिया है। कई स्कूलों में बच्चों की एंट्री नहीं हो पायी है। स्कूलों की तरफ से इसके लिए पोर्टल को फिर से खोलने की मांग की थी। माशिमं की तरफ से पहले डीईओ को निर्देश जारी कर स्कूलों से बच्चों की जानकारी मंगायी गयी।
जानकारी लेने के बाद माशिमं ने 1247 स्कूलों की सूची जारी करते हुए निर्देश जारी किया है कि मंडल के वेब पोर्टल में बच्चों की एंट्री होनी जरूरी है। साथ ही ये भी बताया है कि 31 अगस्त तक बच्चों की पोर्टल में इंट्री जरूरी है। अगर पोर्टल को दोबारा खोला जाना है तो, इसके लिए लेट फीस देनी होगी। माशिमं के आदेश के मुताबिक डीईओ की तरफ से भेजी गयी सूची 25 सितंबर के बाद लेट फीस विद्यालय के प्रमुखों को भरना होगा। ये फीस प्रतिदिन के हिसाब से 1000 रुपये है।
इस आदेश से साफ है कि अगर छात्रों को अपनी एंट्री करानी होगी, तो 25000 रुपये शिक्षा मंडल को जमान करना होगा।
शिक्षक और स्कूलों संचालकों का कहना है कि विद्यालय की तरफ से पोर्टल में एंट्री का नियम अलग है। अगर पूर्व में किसी स्कूल में बच्चों की आईडी जेनरेट है, तो जब तक वो स्कूल उस इंट्री को क्लोज नहीं करेगा, तब तक नयी जगह पर उसकी इंट्री नहीं हो सकती। दूसरी बात ये है कि शिक्षकों को इंट्री के संदर्भ में पहले से ये बतलाया नहीं गया, कि पोर्टल में इंट्री के नाम पर इतने बड़े पैमाने पर लेट फीस लिया जायेगा। उन्होंने पोर्टल को तीन दिन के लिए ओपन करने की मांग की है।
मंडल सचिव ने कहा-बच्चों को देने की जरूरत नहीं, प्रबंधन जमा करेगा
वहीं मंडल सचिव पुष्पा साहू आईएएस ने कहा कि यह कोई नई व्यवस्था नहीं है । पूर्व के वर्षों में भी ली जाती रही है। उन्होंने बताया पिछले वर्ष तो एक स्कूल ने 45 हजार का विलंब शुल्क जमा कर बच्चों के नाम पोर्टल में दर्ज किए थे। यह लेट फीस बच्चों से नहीं स्कूल प्रबंधन से ली जा रही है । इसलिए कोई पालक या बच्चों को भुगतान न करें। सुश्री साहू ने छत्तीसगढ़ से कहा कि यह लेट फीस मंडल की वित्त एवं कार्यपालिक समिति के अनुमोदन से ली जा रही है और स्कूलों को पूर्व में ही समय रहते बता दिया गया था। किंतु ढाई माह बाद भी पांच सौ से अधिक स्कूलों ने 10-12 वीं बोर्ड के बच्चों की एंट्री मंडल के पोर्टल में नहीं किया है। जबकि नियम यह है कि एडमिशन की प्रक्रिया पूरी होते ही एंट्री कराने का है। वहीं कुछ ने तो 31 अगस्त के तुरंत बाद आवेदन देकर बहुत कम लेट फीस पर एंट्री करा ली है। उसके बाद भी बहुसंख्यक स्कूल प्रबंधन ढिलाई बरते हुए है।