गरियाबंद
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजिम, 3 अक्टूबर। राजिम के एसडीएम कार्यालय के बाहर फिंगेश्वर की रहने वाली सीनियर सिटीजन महिला आमरण अनशन पर बैठ गई है। महिला ने बताया कि वह शासकीय प्रक्रिया से परेशान हो चुकी है। एसडीएम द्वारा उनके मकान का ताला खोलकर कब्जा देने आदेश भी पारित किया गया। बावजूद साढ़े तीन महीना बीत जाने के बाद भी कब्जा नहीं मिला।
कमला ठाकुर (68) ने बताया कि वह गरियाबंद जिले के फिंगेश्वर वार्ड नं. 05 परशुराम पारा की रहने वाली है। महिला ने बताया कि उनके स्वामित्व के मकान में बलपूर्वक कब्जा करने के संबंध में माता-पिता एवं वरिष्ट नागरिक का भरण पोषण एवं कल्याण अधिनियम 2007 के अन्तर्गत प्रकरण प्रस्तुत करते हुए एसडीएम कार्यालय में शिकायत की थी। जिस पर एसडीएम राजिम द्वारा 14 जून 2024 को तहसीलदार को आदेशित करते हुए मकान में काबिज मीना सिंह ठाकुर से मकान का ताला खोलकर मुझे कब्जा देने आदेशित किया गया है, लेकिन लगभग 4 माह बीतने के बाद भी कब्जा नहीं मिला।
पीडि़ता ने बताया कि वह पिछले 7 माह से भटक रही है। रिश्तेदारों के घर पर रह रही है। हक के लिए राजस्व न्यायालय का सहारा भी लिया है फैसला भी कमला बाई के हक में आया हैं। मकान से कब्जा हटाने सुनवाई हुई, लेकिन इस आदेश का अब तक पालन नहीं हो पाया है।
एसडीएम के आदेश के बाद नायब तहसीलदार फिंगेश्वर मौके पर पहुंचे, लेकिन उचित कार्रवाई करने में टालमटोल कर वापस लौट आए। उन्होंने बताया कि वह शासकीय प्रक्रिया से परेशान हो चुकी है। जिम्मेदारों द्वारा यह टालमटोल किया जा रहा है। उचित न्याय नहीं मिलने के कारण वह दर-दर भटक रही है। जिसके कारण गांधी जयंती 2 अक्टूबर को 10 बजे से राजिम एसडीएम कार्यालय के सामने अपने परिवार के साथ आमरण अनशन पर बैठ गई है। पीडि़ता ने बताया कि जब तक उन्हें न्याय नहीं मिलता, उनके परिवार का अनशन जारी रहेगा।