बेमेतरा
उपकरण के खराब होने की आशंका
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बेमेतरा, 4 अक्टूबर। भारतीय मौसम विभाग ने क्षेत्र में मौसम की सटीक जानकारी के लिए आटोमेटिक रेन गैज सिस्टम लगाया है। लाखों के खर्च से लगाये गये आटोमेटिक उपकरण की देखरेख व सुरक्षा को लेकर प्रशासन द्वारा लपरवाही बरती जा रही है। उपकरण के चारों तरफ पेड़, पौधे उग चुके हैं। उपकरण की सुरक्षा के लिए ताला भी नहीं लगाया गया है। जिले व आसपास के क्षेत्र की मौसम संबधी ब्यौरा जुटाने के लिए लगाया गया है।
इस संबंध में अधीक्षक भू अभिलेख आशुतोष गुप्ता ने कहा कि आटोमेटिक रेनगेंज उपकरण मौसम विज्ञान के अधिपत्य में है। उपकरण से आनलाइन डाटा पुणे, रायपुर व अन्य केन्द्रों तक पहुंचता है।
जानकारी हो कि भारतीय मौसम ने तहसील कार्यालय के पास 10 वर्ष पूर्व ऑटोमैटिक रैंनगेज सिस्टम लगाया था। सिस्टम जिले व आसपास के मौसम संबंधित संग्रहित डाटा को मौसम विभाग रायपुर व मौसम विभाग के अन्य उच्च संस्थानों तक पहुचाने के लिए लगाया गया है। सिस्टम का बीते एक साल से सुध नही ली गई है, और न ही देख रेख किया गया है। बदहाल होने की स्थिति में पहुँच चुके उपकरण के चारों तरफ छोटे-बड़े पेड़-पौधे उग चुके है, उपकरण ढग गया है। इससे उपकरण में लगाए गए सेंसर व अन्य उपकरण के खराब होने की आशंका बनी हुई हैं। उपकरण की हालत को देखते हुए ऐसा लगता हैं कि स्थानीय प्रशासन इस तरह की ब्यवस्था को लेकर संजीदा नहीं है। जानकारों के अनुसार इस तरह के उपकरण जिस स्थान पर लगाया जाना है। वह चारों तरफ से खुला होना चाहिए, जिससे बारिश का पानी सीधे उक्त बर्तन पर गिरे और उसे नाप कर होने वाले एमएम बारिश आंकड़ा तैयार किया जा सके, पर तहसील कार्यालय के पास लगाए गए उपकरण में इस तरह के शर्तो का पालन नहीं किया गया है।
बताना होगा कि उक्त उपकरण के आसपास बीते साल 3 अक्टूबर को पूर्व एसडीएम सुरूचि सिंग द्वारा नये व पुराने उपकरण के आसपास उग चुके छोटे-बड़े सभी तरह के पेड़-पौधों व कचरा को हटाकर स्वच्छता अभियान चलाया गया था। इस बार 2 अक्टूबर तक चलाये जाने वाला स्वच्छता अभियान समाप्त हो चुका है, अभी तक इसे देखने की भी जहमत नहीं उठाई गई है।
परंपरागत वर्षामापी यंत्र के भरोसे जिला
जिले में मानसून सीजन के दौरान वर्षा मापने के लिए जिले में पंरपरागत तरीके से लगाये गये यंत्र का उपयेाग किया जा रहा है। जिले में कुल 30 यंत्र लगाया गया है जिसमें बेमेतरा व दाढ़ी तहसील में 8, नवागढ़ नांदघाट तहसील के 8, देवकर साजा तहसील के 6, बेरला भिभौरी तहसील के 6 व खहरिया तहसील के दो राजस्व मंडल में वर्षामापी यंत्र लगाया गया है। जहा से बारिश का आंकड़ा नाप कर जुटाया जाता है। जिले में पूर्व में संबलपुर राजस्व मंडल कार्यालय में लगे वर्षामापी यंत्र के रखरखाव को लेकर अव्यवस्था पाये जाने पर तत्कालीन संभागायुक्त कावरे ने संबलपुर स्थित वर्षामापी केंद्र के निरीक्षण के दौरान वर्षामापी यंत्र नहीं पाए जाने पर कड़ी नाराजगी व्यक्त करते हुए संबंधित पटवारी टुमन लाल बंजारे को निलंबित करने का आदेश दिया था। वहीं अन्य अधिकारियों को नोटिस थमाया गया था। जिले में वर्तमान में इस तरह जांच व निरीक्षण किया जाये तो कई राजस्व मंडल में यंत्र के देखरेख की खामिया सामने आने के आसार है।
बारिश की मात्रा की मिलती है जानकारी
मौसम संबंधी मामले के जानकार बताते हैं कि ऑटोमेटिक रेन गेज (एआरजी) या स्वचालित वर्षामापी, बारिश की मात्रा को मापने का एक उपकरण है। उपकरण सेंसर से लैस होता है और बारिश की मात्रा और मौजूदगी का पता लगाता है। उपकरण, बारिश से जुड़े डेटा को रिकॉर्ड करता है और उसे मौसम नेटवर्क में भेजता है। इससे मौसम पूर्वानुमान बेहतर होता है और बारिश से जुड़ी कई तरह की जानकारी मिलती है। ऑटोमेटिक रेन गेज से बारिश की मात्रा की सटीक जानकारी मिलती है। बारिश से जुड़े डेटा को लगातार इक_ा किया जा सकता है। बारिश पैटर्न की निगरानी और विश्लेषण किया जाता है। ऑटोमेटिक रेन गेज को दूर-दराज की जगहों पर भी लगाया जा सकता है। इससे मौसम पूर्वानुमान बेहतर होता है। जिससे बारिश से जुड़ी जानकारी मिलने से, आपात स्थिति में गाडिय़ों के परिचालन को रोकने या मार्ग बदलने में आसानी होती है।