रायगढ़

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायगढ़, 11 अक्टूबर। अपर सत्र न्यायाधीश घरघोड़ा अभिषेक शर्मा ने हत्या के आरोप में सिद्ध दोष करार देते हुए दोनों भाइयों को आजीवन कारावास एवं 1000-1000 के जुर्माने की सजा दी।
19 जुलाई 2021 को 7 बजे मृतक की पुत्री प्रार्थिया सुकृता डेल्की ने थाना लैलूंगा में आकर सूचना दी कि मृतक के खेत में लगे उड़द, फसल के ऊपर से आरोपियों के द्वारा ट्रैक्टर चलवा कर नुकसान कर दिये, जिस पर फसल की नुकसानी की बात कहने पर आरोपियों ने मृतक डिलेश्वर डेल्की से खेत के पास ही विवाद करना शुरू कर दिया।
विवाद इतना बढ़ा कि आरोपी राजीव डेलकी तथा पिंटू उर्फ महेंद्र डेल्की ने एक राय होकर दिलेश्वर डेलकी से गाली गलौज करते हुए मारपीट किया। आरोपी राजीव डेलकी ने फावड़ा के बेट से दिलेश्वर के बाएं कनपटी में प्राणघातक हमला कर दिया जिसके वह जमीन पर गिर पड़ा, तब आरोपी उसके ऊपर चढ़ बैठे और मारपीट की और मौके से भाग गए थे। उनके मारपीट करने से उसके पिता की मृत्यु हो गई थी।
प्रार्थिया सुकृता की उक्त सूचना पर तत्कालीन थाना प्रभारी एल पी पटेल ने मर्ग कायम कर विवेचना में लिया तथा जांच उपरांत आरोपी गण के विरुद्ध धारा 302,34 भारतीय दंड विधान के तहत रिपोर्ट दर्ज कर प्रकरण पंजीबद्ध किया। विवेचना उपरांत आरोपी गण राजीव डेल्की एवं महेंद्र डेल्की के विरुद्ध अपराध किया जाना सबूत होने पर धारा 302,34 भारतीय दंड संहिता के तहत अभियोग पत्र तैयार कर न्यायालय में प्रस्तुत किया गया था।
न्यायालय ने प्रस्तुत चालान पर सुनवाई प्रारंभ की तथा विधिवत प्रकिया का पालन करते हुए प्रकरण के समस्त साक्षियों का परीक्षण प्रति परीक्षण उपरांत उभय पक्ष के तर्क सुनने के बाद न्यायालय ने आरोपी राजीव डेल्की एवं महेंद्र डेल्की उर्फ पिंटू को सिद्ध दोष पाते हुए धारा 302 भारतीय दंड संहिता के तहत दिलेश्वर डेल्की की हत्या करने के जुर्म में आजीवन कारावास एवं 1000-1000 रूपए के अर्थ दंड से दंडित किया। प्रकरण में अपर लोक अभियोजक राजेश सिंह ठाकुर ने अभियोजन का पक्ष रखा।