रायगढ़

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायगढ़, 11 अक्टूबर। सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस प्रशांत मिश्रा ने गुरुवार शाम को साइबर सुरक्षा सप्ताह में बताया कि इस तरह देश में ठगी के मामले सामने आ रहे हैं और उनके अलावा चीफ जस्टिस के नाम पर ठगी हो चुकी है।
रायगढ़ के नगर निगम ऑडिटोरियम में उन्होंने कहा कि साइबर सुरक्षा जल संरक्षण दो अति आवश्यक मुद्दे हैं जो हमारी जीवन की हर बिंदु से हर कोण से हमारे जीवन को प्रभावित करते हैं।
साइबर सुरक्षा के बारे में मंै इतना ही कहना चाहूंगा कि मंै इसका शिकार नहीं हुआ है, लेकिन मेरे नाम को माध्यम बनाकर शिकार किया गया। जब मंै आंध्रप्रदेश में चीफ जस्टिस था, तब व्हासट्अप में मेरी प्रोफाईल लगाकर मेरे ही रजिस्ट्रार, एडिशनल रजिस्ट्रार को मैसेज किया गया। मैसेज भेजने वाले ने अपने आपको चीफ जस्टिस बताते हुए मेरे को तुरंत पैसे की आवश्यकता है आप पैसे ट्रांसफर करिये और फिर रजिस्ट्रार ने दो लाख रूपये भेज भी दिया। मंै आंध्रप्रदेश में हूं और पकड़े गए लोग दूसरे राज्य के थे और तो और लगभग तीन-चार हफ्ते पहले चीफ जस्टिस चंद्रचूड़ के नाम पर सीबीआई से संबंधित दो प्रकरण ऐसे जिसमें की उनको माध्यम बनाकर लोगों ने फ्राड करने की कोशिश की।
एक ने तो बहुत बड़े उद्योगपति से ऑनलाइन ठगी की है। ऑनलाईन कोर्ट करके एक डमी बनाकर पेश किया और बकायदा उसकी पेशी करवाई और उस व्यक्ति से उसे डिजिटल अरेस्ट करवाया, फिर डिजिटल जमानत दिया और करोड़ों रूपये उससे ऐंठ लिये।
मंै गंभीरता यह बताना चाहता हूं कि इतकी जड़ें इतनी मजबूत हो चुकी है कि हम सबको कभी भी किसी भी स्तर में ठगा जा सकता है, बहुत ही ज्यादा सावधान रहने की जरूरत है। सबका पालन न सिर्फ आप करें बल्कि आपके आसपास हर व्यक्ति को जागरूक करें। क्योंकि हम लोग अभले ही नई पीढ़ी के हैं। लेकिन टेक्नालॉजी की अज्ञानता के कारण हम गलती कर बैठते हैं। किस मैसेज को किस उद्देश्य से भेजा गया है, उसे बिना समझे, बिना जाने अज्ञानतावश भूल करते हैं, उसका वो फायदा उठाते हैं।
उन्होंने कहा कि रही बात जल संवर्धन की तो उससे संबंधित जो भी मुद्दे हैं वो हम सभी के सांसों में है, मंै जब से सुप्रीम कोर्ट गया हूं, उसके बाद से पहले चार-पांच माह रहा और अभी पिछले तीन महीने से मंै सुप्रीम कोर्ट के ग्रीन वेज का मेंबर हूं। जो हम तीन जजों की बेंच है, जो कि पर्यावरण संबंधी मुद्दों को देखती है।
हर बुधवार और गुरूवार को सुनवाई होती है।