बलौदा बाजार

छात्रावास अधीक्षक पर पुलिस व विभाग को सूचना देने में जान पहुंचकर विलंब का आरोप
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बलौदाबाजार, 11 अक्टूबर। विकासखंड बलौदाबाजार ग्राम अर्जुनी स्थित प्री मैट्रिक छात्रावास से कक्षा नवीं के छात्र के 3 अक्टूबर से लापता होने का मामला सामने आया है। इस पूरे मामले में संबंधित छात्रावास अधीक्षक एवं आदिवासी विकास विभाग के उच्च अधिकारियों पर छात्र के गायब होने की सूचना पुलिस व प्रशासन को देने में जानबूझकर विलंब करने का आरोप लगाते हुए बालक के पिता व समाज ने तत्काल बच्चे की तलाश करने और घोर लापरवाही का कृत्य करने वाले अधिकारी कर्मचारी पर कड़ी कार्रवाई की मांग की है।
इस संबंध में प्राप्त जानकारी के अनुसार ग्राम देवरानी निवासी एक छात्र नवी का एक छात्र प्री मैट्रिक बालक छात्रावास अर्जुनी में रहकर ग्राम टोनाटार स्कूल में पढ़ाई करता है। छात्र 3 अक्टूबर के शाम से छात्रावास में बिना किसी को सूचित किया अपने स्कूल बैग को लेकर कहीं चला गया। वहीं छात्र के गायब होने के बाद भी छात्रावास अधीक्षक ने इसकी सूचना बालक के परिजन अथवा विभाग के उच्च अधिकारियों को नहीं दी।
छात्र के लगातार गायब रहने के बाद जब सामाजिक जनों द्वारा इस संबंध में एक ज्ञापन 8 अक्टूबर को जिलाधीश बलौदाबाजार को सौंपा गया। जिसके बाद छात्रावास अधीक्षक अर्जुनी ने छात्रा के गुमसुदगी की शिकायत थाना भाटापारा ग्रामीण में दर्ज कराई।
पुलिस बालक की पतासाजी में जुटी हुई है परंतु घटना के सप्ताह बाद भी गुम बालक की जानकारी नहीं मिल पायी है। वही अनहोनी की आशंका से भयभीत बालक के परिजनों ने गुरुवार की शाम जिलाधीश से मुलाकात कर मामले में त्वरित कार्रवाई की मांग की है।
मामले के संबंध में प्री मैट्रिक आदिवासी बालक छात्रावास अर्जुनी के अधीक्षक गुहतराम माहेश्वरी के मोबाइल पर संपर्क करने पर उन्होंने बताया कि 3 अक्टूबर को छात्रावास से जाने के बाद बालक ग्राम देवरानी में एक मित्र के साथ घूम रहा था। उस बालक से बातचीत करने पर उसने अधीक्षक को दुर्ग अपने पिता के पास अथवा डोंगरगढ़ दर्शन पर जाने की जानकारी दी थी।
अधीक्षक के अनुसार इसी वजह से इसकी सूचना पुलिस को देने में विलंब हुआ है। उन्होंने यह भी कहा कि 5 अक्टूबर को बालक का पिता स्वयं छात्रावास आया था और बालक के समान को लेकर चला गया था।
सहायक आयुक्त आदिवासी विकास विभाग लकेश्वर पटेल से चर्चा करने पर उन्होंने कहा कि अधीक्षक द्वारा 3 अक्टूबर को गायब बालक की सूचना विभाग को 7 अक्टूबर को दी गई। इस मामले में अधीक्षक पर अनुशासनात्मक कार्यवाही प्रस्तावित है। वहीं भाटापारा ग्रामीण थाना प्रभारी नरेश दीवान ने बताया कि छात्रा के गायब होने की सूचना 8 अक्टूबर को अधीक्षक द्वारा दिया गया है। फिलहाल पुलिस उसके दोस्तों व सीसीटीवी फुटेज के आधार पर पतासाजी में जुटी हुई है।
पिता ने लगाया छात्रावास अधीक्षक पर गंभीर आरोप
बालक के पिता यशवंत कुमार निवासी ग्राम देवरानी वर्तमान जिला दुर्ग ने छात्रावास अधीक्षक गुहतराम माहेश्वरी पर गंभीर आरोप लगाते हुए बताया कि वे और उनके पत्नी दुर्ग में रहकर मजदूरी का कार्य करते हैं। उनके पुत्र के गायब होने की सूचना मिलने पर जब वह 5 अक्टूबर को बालक के छात्रावास पहुंचे तो अधीक्षक द्वारा बालक के डोंगरगढ़ देवी दर्शन हेतु जाने की बात कह कर बालक के गुम होने की जानकारी किसी को नहीं देने का आग्रह किया गया। पिता ने यह भी आरोप लगाया कि इस दौरान छात्रावास में एक आवेदन में उसने हस्ताक्षर भी कराया गया। इस दौरान उन्होंने आवेदन को नहीं पढ़ाया था इस पूरे घटनाक्रम की जानकारी सामाजिकजनों को दिए जाने के पश्चात जब अधीक्षक से संबंधित आवेदन की प्रति मंगाया गया तो उसमें उल्लेख किया गया था कि बालक का पिता अपने पुत्र को सामान सहित लेकर घर जा रहा है। अधीक्षक द्वारा धोखे में रखकर आवेदन पर हस्ताक्षर कराया गया है।