सरगुजा
50-50 फीट के मेघनाथ व कुंभकरण के पुतला का भी होगा दहन
झांकियों के साथ निकाली जाएगी प्रभु श्रीराम की भव्य शोभायात्रा
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
अम्बिकापुर,11 अक्टूबर। बुराई पर अच्छाई के जीत का प्रतीक के रूप में मनाए जाने वाले दशहरा पर्व को लेकर तैयारी पूरी हो गई है। मेघनाथ व कुंभकरण के पुतले बन कर तैयार हो चुके हैं, जबकि रावण के पुतले को अंतिम रूप दिया जा रहा है। सरगुजा सेवा समिति, नागरिक सेवा समिति व जिला प्रशासन के संयुक्त तत्वावधान में दशहरा पर्व का मुख्य आयोजन पीजी कॉलेज मैदान में आयोजित किया गया है। इस वर्ष रावण 95 फीट व मेघनाथ, कुंभकरण 50-50 फीट के बनाए गए हंै।
12 अक्टूबर को मनाए जाने वाले दशहरा पर पीजी कॉलेज मैदान में विशाल रावण, मेघनाथ व कुंभकरण के पुतला का निर्माण कार्य हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी सरगुजा सेवा समिति, नागरिक सेवा समिति व जिला प्रशासन के संयुक्त तत्वाधान में कराया जा रहा है। रावण दहन के दिन उमडऩे वाली भीड़ को देखते हुए मैदान के एक क्षेत्र में अलग-अलग बैरिकेड का निर्माण किया गया है, जिसमें लोग सहपरिवार रावण दहन को आसानी से देख सके।
महोत्सव को लेकर सरगुजा सेवा समिति व नागरिक समिति की संयुक्त बैठक में पदाधिकारी व कार्यकर्ता की सहमति से दशहरा महोत्सव में होने वाले आयोजनों की रूपरेखा बनाई गई, जिसमें इस वर्ष रावण की लंबाई को घटा कर 95 फिट करने का निर्णय लिया गया था,जबकि मेघनाथ व कुंभकरण के पुतले का निर्माण पिछले साल की अपेक्षा लंबाई घटना कर 50-50 फीट का बनाया गया है।
पिछले वर्ष रावण के पुतले की लंबाई 100 फीट जबकि मेघनाथ व कुंभकरण पुतले की लंबाई 80-80 फीट थी। कुंभकरण व मेघनाथ का पुतला बनकर तैयार हो चुका है, जबकि रावण के पुतले को अंतिम रूप दिया जा रहा है। विजयदशमी पर्व पर राम मंदिर से भव्य शोभा यात्रा निकाली जाएगी, जिसमें भगवान राम,लक्ष्मण,माता सीता और बजरंगबली मुख्य आकर्षण का केंद्र होंगे। वहीं विश्व हिंदू परिषद ने भी नगर में भव्य शोभा यात्रा निकालने पूरी तैयारी कर ली है।शनिवार को हिंदू परिषद द्वारा कला केंद्र मैदान से भव्य शोभा यात्रा नगर में निकाली जाएगी, जो वापस कला केंद्र मैदान में जाकर संपन्न होगी।
आतिशबाजी मुख्य आकर्षण
पीजी कॉलेज मैदान में आयोजित दशहरा के मुख्य कार्यक्रम आयोजित किए गए है जहां एक साथ रावण, मेघनाथ, कुंभकरण के पुतलों का दहन किया जाता है। रावण दहन से पूर्व मैदान में भव्य रंग बिरंगी आतिशबाजी की जाती है जो अनवरत लगभग एक घंटे से अधिक समय तक होती है।
इस बार आतिशबाजी के लिए बाहर से टीम बुलाई गई है। आतिशबाजी को देखने हजारों की संख्या में शहर सहित आसपास गांव व दूसरे जिले से लोग पहुंचते हंै। एक साथ बड़ी संख्या में लोगों के आने पर आयोजन समिति द्वारा कई बैरिकेड बनाए गए है जहां लोग बैठ व खड़े होकर आतिशबाजी का आनंद ले सकेंगे।