सरगुजा
सिंहदेव ने कुलदेवी मां महामाया मंदिर में की विशेष श्रृंगार पूजा
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
अम्बिकापुर,11 अक्टूबर। शनिवार को शारदीय नवरात्र के महाअष्टमी और महानवमी पर अंबिकापुर के मां महामाया मंदिर,दुर्गा मंदिर,काली मंदिर,वन देवी मंदिर सहित अन्य देवी मंदिरों में भक्तों का सैलाब उमड़ पड़ा। देवी मंदिरों में माता के जयकारों से पूरा माहौल भक्तिमय हो गया। लोगों ने महानवमी पर कन्या भोज कराकर एवं हवन कर पूर्णाहुति दी।
राजपरिवार के महाराजा टी एस सिंह देव एवं उनके उत्तराधिकारी युवराज आदित्येश्वर शरण सिंह देव ने कुलदेवी मां महामाया के मंदिर में पहुंच कर विशेष श्रृंगार एवं आरती पूजा की। इस दौरान राजपुरोहित द्विपेश पांडेय, महामाया मंदिर पुजारी जयशंकर पांडेय ने पूजा सम्पन्न कराई।
विशेष श्रृंगार पूजा में राजपरिवार से जुड़े हुए शशिभाल सिंह, बालकृष्ण पाठक, डॉ. एमपी अग्रवाल सहित काफी संख्या में लोग इस दौरान उपस्थित रहे। इस वर्ष विशेष श्रृंगार पूजा आरती सुबह 6.52 में सम्पन्न हुई।
गाजे-बाजे के साथ जवारा विसर्जन
शारदीय नवरात्रि की महानवमी पर आज मायापुर स्थित देवी धाम से गाजे-बाजे के साथ मां की जवारा निकाली गई। नगर भ्रमण पश्चात मां महामाया मंदिर में जवारा विसर्जन किया गया। शोभायात्रा के दौरान बड़ी संख्या में भक्तों ने बाना को जीभ से आरपार भेदकर शोभायात्रा में शामिल हुए। हुए इस बीच शोभायात्रा का जगह-जगह स्वागत व पूजा अर्चना की गई।
मायापुर चांदनी चौक स्थित देवी धाम से आज दोपहर जवारा विसर्जन के लिए भव्य शोभायात्रा निकाली गई। इस दौरान महिला व पुरुष भक्तों ने अपने जीभ में बाना भेदकर शोभायात्रा में शामिल हुए। धाम से निकली शोभायात्रा मायापुर, गुरुनानक चौक, महामाया चौक, समलाया मंदिर होते हुए मां महामाया मंदिर पहुंची, जहां जवारा का विधि-विधान पूर्वक पूजा अर्चना के साथ विसर्जन किया गया।
बताया गया कि मायापुर स्थित देवी धाम पिछले 100 वर्ष से अधिक समय से जवारा रखा जा रहा है तथा परम्परा का निवर्हन पुजारी रामानंद सिंह द्वारा किया जा रहा है। मान्यता है कि इस धाम में देवी का वास श्रद्धालुओं पर होता है तथा श्रद्धालु अपने जीभ में लोहे के बने बाना को जीभ में आरपार कर देवी को खुश करते हैं।