बस्तर
![कम लागत में अधिक उत्पादन के लिए कृषि महाविद्यालय में हैप्पी सीडर मशीन लाई गई कम लागत में अधिक उत्पादन के लिए कृषि महाविद्यालय में हैप्पी सीडर मशीन लाई गई](https://dailychhattisgarh.com/2020/chhattisgarh_article/1609928309.jpg)
अब दो-तीन बार जोतने की जरूरत नहीं
जगदलपुर, 6 जनवरी। किसानों को कम लागत में अधिक उत्पादन दिलाने के लिए कृषि महाविद्यालय के वैज्ञानिकों द्वारा निरंतर प्रयास किया जा रहा है और इसका लाभ भी किसानों को मिलने लगा है। इस कार्य में कृषि इंजीनियरिंग भी काफी सहयोगी साबित हुआ है। वर्तमान में कम लागत में अधिक उत्पादन के लिए स्थानीय गुंडाधुर कृषि महाविद्यालय में हैप्पी सीडर मशीन लाया गया है। जिसमें भूमि को दो-तीन बार जोतने की आवश्यकता नहीं पड़ती है। खेत में हल्की सी नमी रहने पर इसमें बीज डाला जा सकता है।
इस संबंध में विस्तार से जानकारी देते हुए कृषि महाविद्यालय के वैज्ञानिक आशीष कुमार केरकेटा ने ‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता को बताया कि जिन क्षेत्रों में हार्वेस्टर मशीन से फसल काटी जाती है वहां पर पैरा की लंबाई अधिक होती है यही कारण है कि पराली जलाने की घटना दिल्ली और हरियाणा पंजाब के किसानों द्वारा की जाती है इसे रोकने के लिए भी हैप्पी सीडर मशीन काफी उपयोगी है इसके माध्यम से जहां बीज का रोपण हो जाता है वही लंबे लंबे घाटों के ऊपर एक सतह बना लेते हैं और इससे खेत की नमी बनी रहती है जो बीज के अंकुरण में भी मदद पहुंचाता है। पहले किसानों को फसल काटने के बाद खेत की दो तीन बार जुताई करनी पड़ती थी लेकिन इस मशीन के उपयोग से दो बार की जुताई का खर्च भी बचेगा और किसान के लागत में कमी आएगी।