बिलासपुर
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बिलासपुर, 8 जनवरी। कोरोनाकाल में निजी स्कूलों द्वारा फीस वसूली के लिये दबाव बनाने को लेकर दायर याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने एक मामले में निजी स्कूल प्रबंधन से 5 साल की फीस का लेखा-जोखा पेश करने के लिये कहा है।
निजी स्कूल एसोसियेशन द्वारा दायर याचिका पर हाईकोर्ट में सिंगल बेंच ने कुछ शर्तों के साथ स्कूलों को केवल ट्यूशन फीस लेने का छूट दी थी। इस आदेश के बाद निजी स्कूलों द्वारा फीस के लिये दी गई नोटिस को लेकर हाईकोर्ट में अलग-अलग सात याचिकायें दायर की गई हैं। याचिकाकर्ताओं का कहना है कि सिंगल बेंच के आदेश का अपनी सुविधानुसार व्याख्या कर मनमानी फीस ली जा रही है।
चीफ जस्टिस की डबल बेंच में इन मामलों की सुनवाई हो रही है। इनमें दिल्ली पब्लिक स्कूल दुर्ग के पालक संघ द्वारा दायर की गई याचिका पर कोर्ट ने निजी स्कूल संचालकों से फीस का पिछला रिकॉर्ड पेश करने के लिये कहा था। स्कूल संचालकों की ओर से दो वर्ष का डिटेल सौंपा गया था, जिस पर कोर्ट ने असंतुष्टि जताते हुए अब पिछले पांच वर्ष की फीस का अलग-अलग मदों सहित विस्तृत विवरण प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है।