रायपुर

सभी जल प्रदूषणकारी उद्योगों में दूषित जल उपचार संयंत्र स्थापित
15-Jan-2021 4:34 PM
 सभी जल प्रदूषणकारी उद्योगों में  दूषित जल उपचार संयंत्र स्थापित

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

रायपुर, 15 जनवरी। छत्तीसगढ़ पर्यावरण संरक्षण मण्डल द्वारा जल प्रदूषणकारी उद्योगों से हो रहे जल प्रदूषण पर प्रभावी ढंग से नियंत्रण किया गया है और इसकी सतत् रूप से मॉनिटरिंग भी की जा रही है। साथ ही प्राकृतिक जल स्त्रोतों की जल गुणवत्ता की मॉनिटरिंग भी की जा रही है। 

मंडल के सभी क्षेत्रीय कार्यालयों द्वारा यह भी सुनिश्चित कराया गया है कि राज्य में स्थापित सभी जल प्रदूषणकारी उद्योग, दूषित जल उपचार संयंत्र की स्थापना के साथ ही संचालित हो। इसमें उल्लंघन पाये जाने पर उद्योगों को बंद कराने तथा विद्युत विच्छेदन की कार्यवाही की जाती है और आवश्यक होने पर न्यायालयीन कार्यवाही भी की जाती है।

छत्तीसगढ़ पर्यावरण संरक्षण मंडल द्वारा यह भी अवगत कराया गया है कि भनपुरी, उरला एवं सिलतरा औद्योगिक क्षेत्र से निकलकर खारून नदी तक पहुंचने वाले पानी से नालों व खारून नदी की गुणवत्ता किसी तरह प्रभावित नहीं हो रही है। इन क्षेत्रों में स्थित अधिकांश उद्योग वायु प्रदूषणकारी प्रकृति तथा इनसे दूषित जल का निस्सारण होकर नदी नाले में मिलने जैसी स्थिति नहीं है। क्षेत्र में कोई भी ऐसा जल प्रदूषणकारी उद्योग संचालित नहीं है, जिसमें दूषित जल उपचार संयंत्र स्थापित न हो। 

इसी तरह मंडल द्वारा प्रदेश की मुख्य नदियां- महानदी, शिवनाथ, खारून, अरपा, हसदेव, केलो, शंखनी-डंकनी, मांड, इंद्रावती में प्राकृतिक जल स्त्रोतों की गुणवत्ता पर सतत् रूप से निगरानी रखी जा रही है। इसके लिए विभिन्न सैम्पलिंग प्वॉइंट बनाए गए हैं, जहां से सैम्पल लेकर जल स्त्रोतों की गुणवत्ता की जांच की जाती है। प्रदेश की प्रमुख नदियों महानदी में 8 सैम्पलिंग बिन्दुओं, खारून नदी में 4, हसदेव नदी में 4, शिवनाथ नदी में 6, केलो नदी में 2, इन्द्रावती नदी में व शंकिनी नदी में 1 बिन्दु पर लगातार सैम्पल लेकर जल की गुणवत्ता की जांच की जा रही है। मण्डल द्वारा की गयी जांच में महानदी, शिवनाथ, खारून, अरपा एवं केलो नदियों में जल गुणवत्ता भारतीय मानक आई.एस. 2296 के अंतर्गत श्रेणी-सी. अर्थात परम्परागत् उपचार उपरांत पीने योग्य पाई गई है।

मण्डल द्वारा इन जांच नमूनों के अतिरिक्त सभी प्रमुख नदियों तथा उनकी सहायक नदियों एवं मुख्य झीलों, बाँधों तथा तालाबों के जल गुणवत्ता की मॉनिटरिंग भी की जा रही है। पानी में बी.ओ.डी. की मात्रा 03 मिलीग्राम के भीतर तथा डी.ओ. की मात्रा 5-6 मिलीग्राम पाई गई है, जो कि निर्धारित मानकों के अनुरूप हैं। राज्य शासन के मार्गदर्शन में राज्य की 05 नदियों महानदी, शिवनाथ, खारून, अरपा एवं केलो, जिनमें कुछ भाग घरेलू दूषित जल से प्रभावित है, इनमें सुधार हेतु सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट की स्थापना कराई जा रही है। 

इस तारतम्य में एनजीटी द्वारा दिये गए निर्देशों के अनुसार 1 जुलाई 2021 के पूर्व नगरीय क्षेत्रों से जनित दूषित जल के उपचार हेतु दूषित जल उपचार संयंत्र की स्थापना एवं उसके संचालन के लिए सभी नगरीय निकायों को निर्देशित किया गया है। फलस्वरूप घरेलू दूषित जल के उपचार हेतु विभिन्न नालों में सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट की स्थापना की कार्यवाही की जा रही है।
 

अन्य पोस्ट

Comments

chhattisgarh news

cg news

english newspaper in raipur

hindi newspaper in raipur
hindi news