बस्तर
जगदलपुर, 15 जनवरी। नगर पालिक निगम प्रशासन द्वारा निगम क्षेत्र में आम और ख़ास सभी वर्ग के लोगों को सार्वजनिक विद्युत व्यवस्था, धूलमुक्त, चौड़ी व समतल सडक़ व्यवस्था, कचरे व गंदे पानी के निपटान हेतु नालियों की साफ़ सफाई व्यवस्था, उचित मूल्य में अनाज व अन्य दैनिक ज़रूरत के समान की व्यवस्था और पीने के लिए स्वच्छ निर्मल जल की व्यवस्था करना मूलभूत सेवा के अंतर्गत आता है। परंतु नगर पालिक निगम जगदलपुर प्रशासन द्वारा विगत कई वर्षों से पानी के टंकियों की सफ़ाई व्यवस्था पर लापरवाही बरती ही जा रही है। शुरू में तो रसायनों व ब्लीचिंग पाउडर के इस्तेमाल करके पानी टंकियों को साफ़ किया जाता था। लेकिन ब्लीचिंग पाउडर व रसायनों के इस्तेमाल का दूरगामी प्रभाव कहीं ना कहीं मानव शरीर पर दुष्प्रभाव के रूप में पड़ता है, इस पर प्रशासन का ध्यान नहीं जाता है, ऐसा शिवसेना के जिलाध्यक्ष अरुण पाण्डेय ने कहा है।
उन्होंने जारी विज्ञप्ति में कहा कि लाखों की आबादी को उच्च क्षमता के जलागरों द्वारा पीने व दैनिक उपयोग के लिए प्रतिदिन जल आपूर्ति नगर निगम प्रशासन द्वारा किया जाता है। लेकिन जब इन जलागारों में मोटर पंप की सहायता से जल एकत्रित किया जाता है, तब भारी दबाव के कारण मिट्टी व रेत के कण सहित अन्य भूमिगत बजरी या अन्य कंकड़ भी बहकर जलागारों में एकत्रित होने लगते हैं, और समय के साथ ये हवा व पानी के रासायनिक क्रिया के फलस्वरूप सडक़र लद्दी के रूप में तब्दील जाते हैं। इन सड़े हुए लद्दी का प्रतिदिन जब जल भराव का कार्य इन टंकीयों में मोटर के माध्यम से होता है तब पानी में मिलकर ये नगर के नलों के माध्यम से घर-घर तक पहुंचती है। इस तरह आम नागरिक पूर्ण विश्वास के साथ जिस नल के जल को शुद्ध व निर्मल मानकर इस्तेमाल करता है उसे लद्दी मिला हुआ जल नगर निगम प्रशासन द्वारा आपूर्ति कराते हुए शहर भर की जनता के स्वास्थ्य से खिलवाड़ किया जा रहा है।
जिन घरों में नल के जल का उपयोग पीने के लिए किया जाता है, उस घर में विश्वास के साथ कि नल का जल स्वच्छ व निर्मल है इसलिए बच्चों से लेकर गर्भवती महिलाओं और बुजुर्गों द्वारा इस्तेमाल किया जाता है। लेकिन नगर निगम प्रशासन द्वारा इन जलागरों की नियमित व गुणवत्तापूर्ण सफाई व्यवस्था को लेकर लापरवाही बरती जाती रही है।
शिवसेना के जिलाध्यक्ष अरूण पाण्डेय ने नगर पालिक निगम प्रशासन से समस्त पानी की टंकियों को स्थानीय अनुभवी लोगों द्वारा लोक स्वास्थ्य यांत्रिकीय विभाग व चिकित्सा अधिकारी से परामर्श लेकर विश्व स्वास्थ्य संगठन से सलाह लेकर इनकी सफ़ाई कराने के लिए आग्रह किया है।