बस्तर

20 सालों से पौधे लगाकर शहर के अंदर जंगल बनाया जिसकी बलि नहीं चढऩे देंगे-ग्रामीण
16-Jan-2021 9:17 PM
 20 सालों से पौधे लगाकर शहर के अंदर जंगल बनाया जिसकी बलि नहीं चढऩे देंगे-ग्रामीण

  डीआरडीओ के आवासीय कॉलोनी के लिए प्रस्तावित जमीन का जमकर विरोध   

जगदलपुर, 16 जनवरी। भारत सरकार के रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन डीआरडीओ के आवासीय परिसर के लिए जद्दोजहद तेज हो गई है। लेकिन जिस जगह पर डीआरडीओ अपना आवासीय क्षेत्र बनाना चाहता है वहां के लोग अब विरोध पर उतर आए हैं। दरअसल डीआरडीओ को जिला प्रशासन ने जहां जमीन देने का आश्वासन दिया है, वहां गांव वालों द्वारा किया गया पौधारोपण को काट कर कांक्रीट का जंगल बनाये जाने के विरोध में उतर आये हैं।

ग्रामीणों का कहना है कि वन विभाग ने गांव वालों की मदद से जिस शिद्दत से 20 सालों से बांस एवं अन्य पौधे लगाकर शहर के अंदर जंगल बनाया है, उसकी बलि चढऩे नहीं देंगे।

 दरसअल उड़ान योजनातंर्गत शासन ने एयरपोर्ट निर्माण के बाद डीआरडीओ को अलग से आवासीय परिसर बनाने के लिए जमीन उपलब्ध कराने का आश्वासन दिया था। इसी बीच परपा इलाके में वन विभाग के बांस उद्यान की 100 एकड़ जमीन पर प्रशासन की नजर पड़ी और डीआरडीओ को दिये जाने वाले जमीन की तलाश यहीं रोक दी गई। ग्रामवासियों को बिना सूचना  ग्राम सभा का भी आयोजन कर दिया गया। आयोजित ग्राम सभा में ही डीआरडीओ को जमीन देने का विरोध शुरू हो गया।

गांव वालों का कहना है कि ग्राम सभा का किसी प्रकार का कोई ऐलान अभी तक नहीं हुआ है। कुछ लोगों को फोन पर सूचना ही दी गई मगर गांव वालों को इसकी जानकारी नहीं है। वहीं प्रभारी तहसीलदार श्री सिरमौर से संपर्क करने पर उन्होंने कहा कि कलेक्टर द्वारा आदेश के बाद उक्त ग्राम सभा की कार्रवाई की जा रही है।

गांव के किसान राजेश राय के अनुसार गांव में कई वर्षों से बांस, काजू व अन्य प्रजाति के पौधे वन विभाग के माध्यम से लगाए गए और अब यह पौधे काफी बड़े हो चुके हैं। इतने घने एवं सघन वृक्षारोपण को काटकर किसी को भूमि आबंटित करना उचित नहीं है इसीलिए ग्राम पंचायत द्वारा उक्त प्रक्रिया को खारिज करने की मांग की जा रही है।

दरअसल ग्राम परपा स्थित 39.7 हेक्टेयर खसरा नंबर 121,124,127 और 129 को भारत सरकार के रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन डीआरडीओ को राष्ट्रीय लोक हित में आवास विभाग एवं अनुसंधानात्मक संरक्षण हेतु ग्राम सभा की सहमति एवं अनापत्ति पत्र दिये जाने बाबत शुक्रवार को ग्राम सभा का आयोजन किया गया था। आनन-फानन में आयोजित इस सभा में ग्राम के कुछ लोग ही पहुंच पाए थे। उक्त सूचना आसपास के इलाकों को भी नहीं दी गई।

इसकी जानकारी कांग्रेस के नेता राजेश राय को भी पहुंची। उन्होंने गांव जाकर डीआरडीओ को दिए जाने वाले भूमि का विरोध किया, गांव वालों के विरोध के बाद फिलहाल ग्राम सभा की कार्रवाई स्थगित कर दी गई है लेकिन गांव वालों का कहना है कि हरे-भरे जंगल को डीआरडीओ आवसीय कॉलोनी के लिए काटने नहीं दिया जाएगा। ग्रामवासियों ने बताया कि हरे भरे वृक्षों को काटकर आवासीय परिसर बनाना अनुचित है। इसका समस्त ग्रामवासी विरोध करेंगे, आवश्यकता पड़ी तो वे धरना प्रदर्शन को भी तैयार हैं।

 ज्ञात हो कि जगदलपुर में एयरपोर्ट निर्माण होने के बाद से डीआरडीओ के आवासीय परिसर को शिफ्ट करने की कवायद कई वर्षों से जारी है। ग्राम नियनार में भी जमीन तलाशी गई थी मगर उसमें जिला प्रशासन कामयाब नहीं हो पाया, प्रशासन द्वारा अब ग्राम परपा में आवासीय परिसर के लिए चुना गया है। जिस स्थान को चुना गया है वह वन विभाग के वृक्षारोपण योजना में शामिल है।

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