बस्तर
समय-सीमा बैठक में कलेक्टर ने दिए निर्देश
जगदलपुर, 19 जनवरी । अत्यंत नक्सल प्रभावित क्षेत्र के तौर पर जाना जाने वाले कोलेंग क्षेत्र की तस्वीर अब बदलने वाली है। कलेक्टर रजत बंसल ने इस क्षेत्र में शिक्षा, स्वास्थ्य के साथ-साथ खेल और संस्कृति के विकास के लिए तेजी से कार्य करने के निर्देश दिए। मंगलवार को जिला कार्यालय के सभा कक्ष में आयोजित समय-सीमा बैठक में कलेक्टर ने इस क्षेत्र के विकास कार्यों को गति देने के लिए संबंधित विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए। उन्होंने मनवा नवा नार के तहत चयनित गांवों में भी सभी आवश्यक संसाधन उपलब्ध कराते हुए आदर्श गांव के रुप में विकसित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि इन गांवों में पेयजल, शिक्षा, स्वास्थ्य, आंगनबाड़ी केन्द्रों के साथ ही उचित मूल्य की दुकानों में भी सभी आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध कराने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि इन गांवों में ग्रामीणों को रोजगारमूलक कार्यों से जोडऩे के लिए मुर्गीपालन, अंडा उत्पादन, बकरीपालन, कृषि आदि कार्यों से जोड़ऩे के निर्देश दिए। बैठक में वन मंडलाधिकारी सुश्री स्टायलो मंडावी, जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी इंद्रजीत चंद्रवाल, अपर कलेक्टर अरविंद एक्का सहित जिलास्तरीय अधिकारी उपस्थित थे।
कलेक्टर ने छिंदगुर के उप स्वास्थ्य के संचालन में किए जा रहे विलंब पर गहरी नाराजगी जताई और इस विलंब के लिए मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी से स्पष्टीकरण मांगा। उन्होंने सुपोषण के लिए चलाए जा रहे जनजागरुकता अभियान को एक कदम आगे बढ़ाते हुए पोषण पुनर्वास केन्द्रों के माध्यम से कुपोषित बच्चों का उपचार प्राथमिकता के साथ करने के निर्देश दिए। उन्होंने इसके लिए विशेष पोषण पुनर्वास केन्द्रों के स्थापना की बात भी कही।
कलेक्टर ने सामुदायिक वन संसाधन अधिकार के लिए विवादों का समाधान तत्परता से करने के निर्देश दिए। उन्होंने जगदलपुर, बस्तर और बकावंड विकासखण्ड में इन विवादों के समाधान में हो रही देरी पर गहरी नाराजगी जाहिर करते हुए एक सप्ताह के भीतर कार्य में गति लाने के निर्देश दिए।