बस्तर
महिला आयोग अध्यक्ष से रिपोर्ट लिखाने की बात कही
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
जगदलपुर, 19 जनवरी। छत्तीसगढ़ महिला आयोग अध्यक्ष किरणमयी नायक 18 जनवरी को महिला उत्पीडऩ मामलों की सुनवाई के लिए कलेक्टोरेट पहुंची थी। इस दौरान समाजसेवी बेला भाटिया के नेतृत्व में बीजापुर गंगालूर तहसील की ग्रामीण महिलाओं ने उनके साथ मारपीट और उनके गांव में निर्माणाधीन देवगुड़ी को डीआरजी व सीआरपीएफ के जवानों द्वारा जला दिए जाने और एक नाबालिग के साथ डीआरजी के जवानों द्वारा सामूहिक बलात्कार की शिकायत करने पहुंचे थे।
समाजसेविका बेला भाटिया ने बताया कि एक नाबालिग के साथ डीआरजी के जवानों द्वारा बलात्कार किए जाने और इसकी रिपोर्ट थाने में दर्ज कराए जाने पर उन्हें जान से मारने की धमकी देने के चलते पीडि़ता द्वारा थाना जाने से डरने की बात कही। उन्होंने पीडि़ता द्वारा पहचाने गए चारों डीआरजी जवानों के खिलाफ नामजद रिपोर्ट लिखाने की बात कही। उन्होंने बताया कि जवानों द्वारा धमकी दिए जाने से डरे पीडि़ता के परिजन और ग्रामीण इस तरह डरे हुए हैं कि वह थाना भी नहीं जा रहे हैं । बेला भाटिया ने बताया कि ये महिलाएं जगदलपुर आने में भी डर रहे थे।
बेला भाटिया ने बताया कि 15 जनवरी को गांव पूसनार थाना गंगालूर और इससे लगे क्षेत्र के सुरक्षा बल कैंप से लगभग 300 सुरक्षा बल , जिसमें डीआरजी और सीआरपीएफ के जवान थे, दोपहर लगभग 3 बजे गांव के वड्डे पारा में निर्माणाधीन देवगुड़ी को आग लगा दी और आसपास उपस्थित बच्चे वृद्ध और महिलाओं के साथ मारपीट की है। इन दोनों मामलों की शिकायत करते हुए महिला आयोग की अध्यक्ष से न्याय दिलाने की मांग करने यह ग्रामीण महिलाएं पहुंची थीं।