बस्तर

द्विफसलीय कृषि पद्धति से महादेव की आर्थिक स्थिति हुई मजबूत
20-Jan-2021 9:03 PM
द्विफसलीय कृषि पद्धति से महादेव की आर्थिक स्थिति हुई मजबूत

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
जगदलपुर, 20 जनवरी।
छत्तीसगढ़ शासन द्वारा कृषकों के कल्याण हेतु विभिन्न शासकीय योजनाओं का क्रियान्वयन किया जा रहा है। कृषक इन योजनाओं का लाभ लेकर आधुनिक कृषि कर आर्थिक लाभ ले रहे हैं।
 
बस्तर जिले के विकासखण्ड बस्तर के ग्राम भैसगांव के कृषक महादेव द्वारा विगत 10 वर्षों से परम्परागत वर्षा आधारित खेती कर रहे थे। कृषक महादेव द्वारा कृषि विभाग के मैदानी अधिकारियों से सतत सम्पर्क कर समय-समय पर दिए गए तकनीकी सलाहों का पालन कर वैज्ञानिक पद्धति से खेती कर अधिक फसल उत्पादन लिया जा रहा है। जिससे न्यूनतम कास्त लागत में अधिकतम लाभ प्राप्त हो रहा है। महादेव द्वारा विभाग में संचालित किसान समृद्धि योजनान्तर्गत अनुदान पर नलकूप खनन करवाया है। कृषक द्वारा खरीफ वर्ष 2019 में खरीफ में एकड़ क्षेत्रफल में धान की खेती की गई, जिससे उनकों एक लाख 20 हजार रूपए का शुद्ध लाभ प्राप्त हुआ था एवं खरीफ वर्ष 2020 में कृषक द्वारा कतार पद्धति से धान लगाया, जिससे एक लाख 80 हजार रूपए का शुद्ध आय प्राप्त हुआ। 

वर्तमान रबी मौसम में कृषक द्वारा 2 एकड़ में मटर, गोभी एवं अन्य फसल की कास्त ली जा रही है। जिससे अतिरिक्त आय की प्राप्ति हो रही है। इसके अलावा महादेव ने गोधन न्याय योजना के तहत 20 च्ंिटल गोबर विक्रय कर 4 हजार रूपए अतिरिक्त आय अर्जन किया है। पूर्व गोबर का उपयोग गोबर खाद बनाने एवं कण्डे निर्माण कर जलाऊ के रूप में उपयोग किया करते थे। गोधन न्याय योजना से प्राप्त राशि का उपयोग कृषि कार्य हेतु किया गया। महादेव द्वारा द्विफसलीय कृषि पद्धति को अपनाकर अपनी आर्थिक स्थिति को सुदृढ़ कर क्षेत्र के अन्य कृषकों को भी प्रोत्साहित कर इस दिशा में संभव प्रयास जारी है।

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