महासमुन्द
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
महासमुन्द, 21 जनवरी। उड़ान संस्था एवं नाबार्ड बैंक के संयुक्त तत्वाधान में ग्राम बनसिवनी में महिला स्वालंबन पर सात दिवसीय प्रशिक्षण सोमवार से शुरू हो गया है। यह प्रशिक्षण स्व सहायता समूहों की 150 महिलाओं के लिए किया जा रहा है। इसमें ग्राम बनसिवनी, लोहारडीह, बांसकुड़ा, बोडऱा, अमलोर के आसपास की ग्रामीण महिलाएं शामिल हैं।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि नाबार्ड के सहायक महाप्रबंधक डीजी मिश्रा, विशेष अतिथि नाबार्ड के जिला प्रबंधक के मनोज, सनफ्लेग एग्रो रायपुर के सचंालक रजनीश अवस्थी एवं उड़ान के सदस्य श्रीनिवास राव थे। कार्यक्रम की अध्यक्षता उड़ान के डायरेक्टर डा. जी रावटे ने की। श्री रावटे ने परियोजना की विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि महासमुन्द की महिलाओं की आर्थिक उन्नति व बेहतर जीवन के लिये उड़ान संस्था गत कई सालों से काम कर रही है लेकिन उनके स्वालंबन का स्थायी समाधान नहीं मिल रहा था। काफी अध्ययन व सर्वे के उपरांत उड़ान द्वारा सुंगधित घास की खेती का विकल्प खोज निकाला गया। इसका प्रस्ताव नाबार्ड जिला कार्यालय को दिया गया। इस परियोजना पर पिछले 2 साल से संस्था ने कार्य किया है।
श्री रावटे ने कहा कि नाबार्ड रायपुर ने इस सुंगधित घास की खेती तथा प्रशिक्षण देने के उड़ान के प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान की है। रायपुर के सन्फ्लेग एग्रो कम्पनी से इसके उत्पादन की मार्केटिंग एवं टेक्नीकल सर्पोट का समझौता किया गया है ताकि महिलाओं को खेती के बाद बाजार में बेचने की समस्या का सामना ना करना पड़े। उन्होंने इसकी खेती की संभावित आय व्यय की जानकारी भी दी। आशा व्यक्त कि हम सभी के संगठित होकर एक साथ काम करने से महासमुन्द जिले की ग्रामीण महिलाओं की सामाजिक आर्थिक स्थिति में निश्चित सुधार आएगा। विशेष अतिथि के मनोज जिला प्रबंधक ने प्रशिक्षण के फायदे बताये और नाबार्ड बैंक के द्वारा प्रशिक्षण के बाद खेती के लिये बैंक ऋण प्राप्ति, ऋण वापसी तथा अच्छे उत्पादन की गुणवत्ता पर प्रकाश डाला।
रजनीश अवस्थी संचालक एग्रोटेक ने सुगंधित घास की तरीके, लाभ, प्रशिक्षण व्यवस्था और उसके मार्केटिंग व्यवस्था पर विस्तृत जानकारी दी। महिला बैंक महासमुन्द के हितेश पान्डेय ने बैंक से लोन प्राप्त करने की जानकारी दी। सात दिवसीय प्रशिक्षण केन्द्रों की सूची के साथ उपस्थित स्वसहायता समूहों की महिलाओं का परिचय भी उन्होंने कराया।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डीजी मिश्रा ने अपने अनुभव साझा करते हुए महिलाओं को आर्थिक रूप से समक्ष बनने के अनेक उदाहरण देकर उनका मनोबल बढ़ाया। उन्होंने कहा कि प्रशिक्षण के बाद आप लोग सामूहिक खेती करेंगे तो पाएंगे कि सामने आ रही कोई भी समस्याओं का समाधान भी एक दूसरे की मदद से होता जाएगा। नाबार्ड की कृषि सम्बंधी योजनाओं की जानकारी भी उन्होंने दिया।