राजनांदगांव
अभिषेक-मधु समर्थकों का दबदबा, दिग्गज नेताओं की सिफारिशें दरकिनार
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 28 जनवरी। जिला भाजपा की बागड़ोर सम्हालने के करीब सवा साल बाद जिलाध्यक्ष मधुसूदन यादव की नई टीम संभवत: 31 जनवरी को अस्तित्व में आ सकती है। इस बात के पूरे आसार हैं कि नई टीम में पूर्व सांसद अभिषेक सिंह और भाजपा अध्यक्ष यादव समर्थकों का बोलबाला हो सकता है।
बताया जा रहा है कि यादव ने प्रदेश नेतृत्व को जिला भाजपा की नई टीम की सूची काफी पहले भेजी है। विश्वस्त सूत्रों का कहना है कि नई टीम में दिग्गज नेताओं के समर्थकों को दरकिनार किया गया है। बताया जा रहा है कि नई टीम में जिला सहकारी बैंक के पूर्व अध्यक्ष सचिन बघेल और पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष दिनेश गांधी को महामंत्री बनाया जा सकता है। वहीं उपाध्यक्ष के लिए करीब दर्जनभर नेताओं का नाम सूची में जोड़ा गया है। जिसमें पूर्व मंत्री रजिंदरपाल सिंह भाटिया, राजेन्द्र गोलछा, सुरेन्दर सिंह बन्नोआना, सावन वर्मा, रविन्द्र सिंह, पूर्व विधायक सरोजनी बंजारे, नम्रता ङ्क्षसह, कंचनमाला भुआर्य, शिव वर्मा, मूलचंद लोधी, प्रियंका ताम्रकार, अनिल अग्रवाल और राजेश सिंगी को उपाध्यक्ष बनाए जाने की अटकलें हैं। बताया जा रहा है कि कोषाध्यक्ष के रूप में सौरभ कोठारी को यथावत रखा जा सकता है। सह कोषाध्यक्ष संजय लोहिया का नाम चर्चा में है।
सूत्रों का कहना है कि सचिन बघेल को महामंत्री बनाए जाने के लिए पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह और अभिषेक सिंह भी प्रयासरत थे। वहीं दिनेश गांधी भी पूर्व सीएम के कैम्प से ही संबंधित है।
बताया जा रहा है कि दोनों को महामंत्री पद पर नियुक्त करने के पीछे अलग-अलग राजनीतिक कारण गिनाए जा रहे हैं। बघेल पहले भी संगठन में महामंत्री रहे हैं। साथ ही वह राजनीतिक रूप से सुलझे हुए भी माने जाते हैं। दिनेश गांधी जिला पंचायत अध्यक्ष रहने के बाद से अब तक किसी बड़े ओहदे में नहीं रहे हैं। हालांकि 2013 विधानसभा चुनाव में पार्टी ने उन्हें डोंगरगांव से मैदान में उतारा था, लेकिन वह नजदीकी मुकाबले में दलेश्वर साहू से पराजित हो गए। इसी तरह पूर्व मंत्री रजिंदरपाल सिंह भाटिया को उपाध्यक्ष बनाए जाने की सियासी हल्के में जोरों से चर्चा है। भाटिया की गिनती जनाधार वाले नेताओं में होती है। खुज्जी विधानसभा में उनकी मजबूत पैठ रही है। हालांकि सियासी दांव-पेंच के कारण उन्हें लगातार पिछले 3 विधानसभा चुनाव में पार्टी ने टिकट से महरूम रखा गया। इसके बावजूद वह सक्रिय हैं।
मोहला-मानपुर की नम्रता सिंह को भी उपाध्यक्ष बनाया जा सकता है। वह भी लंबे समय से वनांचल में दमदारी से सक्रिय हैं। बीते विस चुनाव में प्रबल दावेदार होने के बावजूद उन्हें पार्टी ने मौका नहीं दिया। इस बीच राजेन्द्र गोलछा को उपाध्यक्ष बनाए जाने की सुगबुगाहट सुनाई दे रही है। वह वरिष्ठ नेता खूबचंद पारख के कट्टर समर्थकों में गिने जाते हैं।
बताया जा रहा है कि खूबचंद पारख राजेन्द्र गोलछा को महामंत्री बनाए जाने की कोशिश में जुटे हुए थे। दिलचस्प बात यह है कि संभावित सूची में कई दिग्गज नेताओं के समर्थकों को मौका नहीं दिए जाने की चर्चा गर्म है। यह तय है कि 31 जनवरी तक जिला भाजपा की नई टीम अस्तित्व में आ सकती है। सूत्रों का कहना है कि जातिगत और क्षेत्रीय संतुलन के लिहाज से भी नई सूची में कई खामियां है। फिलहाल सूची के जारी होने के बाद भाजपा में घमासान मच सकता है।