कोरबा
करारोपण अधिकारी सहित दो शिक्षक निलंबित
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
कोरबा, 31 जनवरी। कलेक्टर किरण कौशल ने कल पाली विकासखण्ड के दूरस्थ ग्राम जेमरा में जनचैपाल लगाकर लोगों की समस्याएं सुनी और उनका निराकरण किया। कलेक्टर पाली विकासखण्ड के प्रवास के दौरान दोपहर में जेमरा पहुंची थीं। जेमरा के प्राथमिक शाला भवन परिसर में उन्होंने जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री कुंदन कुमार के साथ लोगों से सीधे बातचीत की और सरकारी योजनाओं के क्रियान्वयन की जमीनी हकीकत जानी।
इस दौरान श्रीमती कौशल ने गांव की पात्र विधवा महिलाओं और कुछ दिव्यांगजनों को सामाजिक सुरक्षा पेंशन नहीं मिलने की शिकायत पर सरपंच एवं ग्राम सचिव के प्रति गहरी नाराजगी जताई। उन्होने पेंशन प्रकरणों को तैयार करने और स्वीकृति में विलंब करने के कारण तत्कालीन करारोपण अधिकारी गणेश सिंह पैंकरा को तत्काल निलंबित करने के निर्देश जिला पंचायत के सीईओ को दिए। कलेक्टर ने गांव में कैम्प लगाकर अगले दस दिनों में सभी पात्र हितग्राहियों के पेंशन प्रकरण तैयार कर स्वीकृति करने के निर्देश जनपद के मुख्य कार्यपालन अधिकारी को दिए। उन्होंने पेंशन प्रकरणों की स्वीकृति के बाद उसकी सूचना जिला पंचायत को भी अनिवार्यत: देने के निर्देश जनचैपाल में दिए।
जनचैपाल में कलेक्टर ने सामाजिक सुरक्षा पेंशनों की राशि समय पर जमा होने की जानकारी भी मौजूद हितग्राहियों से ली। उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया कि जनपद पंचायत कार्यालय द्वारा हितग्राहियों के खातों में पेंशन की राशि जमा कराने के बाद गांवो में कोटवारों के माध्यम से मुनादी कराई जाए। उन्होंने चिन्हांकित महिला को जरूरी प्रशिक्षण और आवश्यक उपकरण उपलब्ध कराकर अगले महीने की 10 तारीख से बैंक सखी के रूप में सेवाएं देने के भी निर्देश अधिकारियों को दिए। कलेक्टर ने बताया कि गांव की ही महिला के बैंक सखी के रूप में काम करने से लोगों को घर बैठे बैंकिंग सेवाएं मिल सकेंगी। पेंशन की राशि से लेकर मनरेगा की मजदूरी तक सभी लोग अपने घर बैठे ही प्राप्त कर लेंगे। उन्हें बैंक जाकर लाईन लगाने की जरूरत नहीं पड़ेगी।
कलेक्टर श्रीमती कौशल ने जनचैपाल में लोगों से अपने जमीन-जायदाद से जुड़े कामों के लिए पटवारी की उपलब्धता के बारें में भी जानकारी ली। लोगों ने बताया कि पटवारी श्री देवेन्द्र ठाकुर लाफा में रहते हैं और समय-समय पर गांव आकर लोगों का काम करते हैं। कलेक्टर श्रीमती कौशल ने फौती, नामांतरण, बंटवारा, सीमांकन और नक्शा-खसरा तथा बी-1 वितरण के कामों की जानकारी भी लोगों से ली। पटवारी के निर्धारित मुख्यालय में नहीं रहने पर लोगों के राजस्व संबंधी कामों के प्रभावित होने को कलेक्टर ने गंभीरता से लिया और पटवारी के प्रति नाराजगी व्यक्त की।
कलेक्टर श्रीमती कौशल ने जेमरा जनचैपाल में लोगों से कोरोना काल में बच्चों की पढ़ाई-लिखाई के बारे में भी पूछा। उपस्थित ग्राम वासियों ने बताया कि शिक्षा मित्र के रूप में काम कर रहीं मिथिलेश कुमारी पूरे कोरोना काल के दौरान मोहल्ला क्लास के माध्यम से बच्चों को पढ़ाती रहंीं हैं। वहीं श्रीमती कौशल ने मिडिल स्कूल में पदस्थ शिक्षक धमेन्द्र सिंह राठौर को बच्चों को पढ़ाने मे लापरवाही बरतने पर निलंबित करने के निर्देश दिए। कलेक्टर ने मिडिल स्कूल में ही पदस्थ एक अन्य शिक्षक दिनेश शर्मा को लंबे समय से अनुपस्थित रहने के कारण तत्काल निलंबित करने के निर्देश दिए।
कलेक्टर ने अतिथि शिक्षकों को मानदेय भुगतान के लिए एक साथ 12 माह का प्रस्ताव तैयार कर अगले तीन दिनों में जिला पंचायत भेजने के निर्देश खण्ड शिक्षा अधिकारी को दिए।
काम में लापरवाही पर रूकी सेक्टर सुपरवाईजर की वेतन वृद्धि - जनचैपाल में कलेक्टर ने महिला एवं बाल विकास विभाग से जुड़ी योजनाओं के क्रियान्वयन की जानकारी भी ग्रामीणजनों से ली। मुख्यमंत्री सुपोषण योजना, गर्भवती महिलाओं को गर्म भोजन आदि के बारे में कलेक्टर ने ग्रामीण महिलाओं से पूछा। उन्होंने आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिका से भी गांव में कुपोषण और बच्चों की सेहत के लिए किए जा रहे प्रयासों की जानकारी ली। कलेक्टर ने ग्रामीण माताओं से अपने-अपने छोटे बच्चों के स्वास्थ्य और उनके वजन के बारे में पूछा। माताएं अपने बच्चों का वजन नहीं बता पाईं। इस पर कलेक्टर ने आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिका को बच्चों का वजन कर उनके परिजनों को बताने के निर्देश दिए। ग्रामीणों से सेक्टर सुपरवाईजर के निरीक्षण आदि के बारे में नकारात्मक जानकारी मिलने पर श्रीमती कौशल ने शासकीय कार्य में लापरवाही पर सेक्टर सुुपरवाईजर श्रीमती मंदा देवी की एक वेतन वृद्धि रोकने के निर्देश जिला कार्यक्रम अधिकारी को दिए। कलेक्टर ने यह भी निर्देशित किया कि 15 दिनों में कार्य में सुधार नहीं आने पर सेक्टर सुपरवाईजर को निलंबित किया जाए।
ग्रामीणों ने बताई पानी की समस्या, कलेक्टर ने स्वीकृत किए तीन कुंए - जनचैपाल के दौरान उपस्थित ग्रामीणों ने बगदरा और नगोईभाठा में पीने के पानी की किल्लत के बारे में कलेक्टर को अवगत कराया। ग्रामीण महिलाओं ने बताया कि बगदरा और नगोईभाठा में ट्यूबवेल या हैण्डपंप सफल नहीं है। इस कारण से उन्हें पानी के लिए तीन-चार किलोमीटर दूर तक जाना पड़ता है। श्रीमती कौशल ने मौके पर ही जिला पंचायत के सीईओ श्री कुंदन कुमार से विमर्श कर मनरेगा के तहत बगदरा में तीन कुंए बनाने की स्वीकृति दी। उन्होंने नगोईभाठा और आसपास के इलाके में सर्वे कराकर पानी वाली जगहों पर तीन नलकूप भी बनाने की स्वीकृति जनचैपाल में दी।