कोरिया
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बैकुंठपुर, 19 फरवरी। कोरिया जिला मुख्यालय बैकुण्ठपुर शहर में स्थित रियासतकालीन निर्मित गेज नदी का पुल अब आवागमन को लेकर खतरनाक हो चुका है। सिर्फ गेज पुल पर 12 से 15 गड्ढे हैं, 3 से 4 फीट का एक बड़ा गड्ढा है, जबकि एक फीट से डेढ़ फीट तक लंबे-लंबे और छोटे गड्ढे गेज पुलिया को नुकसान पहुंचा रहे है, लगातार वाहनों के दबाव से पुल के गड्ढे और बड़े होते जा रहे है। इस संबंध में लोक निर्माण विभाग के एसडीओ एस के मिश्रा का कहना है कि पुल के गड्ढों को जल्द भरवाया जाएगा।
जानकारी के अनुसार शहर से अंबिकापुर जाने वाली मार्ग पर शहर सीमा के भीतर गेज नदी पर कोरिया रियासत के राजा के द्वारा पुलिया का निर्माण कराया गया था जो आज भी स्थित है, लेकिन समय के साथ उक्त पुलिया अब जर्जर होती चली जा रही है। राष्ट्रीय राजमार्ग 43 होने के कारण इस जर्जर हो चुकी पुलिया से प्रतिदिन भारी संख्या में छोटे बडे वाहनों की आवाजाही होती है। एकमात्र पुलिया में वाहनों का दबाव बढ़ गया है। वही कुछ ही मीटर की पुलिया में करीब एक दर्जन कई स्थानों पर छोटे-बड़े गड्ढे हो गये है। कुछ जगहों पर तो गड्ढे अधिक गहराई के हो गये है तथा गड्ढे-बड़े आकार के बन गए हैं। समय पर ध्यान नहीं दिए जाने के कारण गड्ढों की संख्या बढ़ती जा रही है और गड्ढों की लंबाई भी बढ़ती जा रही है।
राष्ट्रीय राजमार्ग में अव्यवस्थित गेज पुलिया संकरा पुलिया है अब वाहनों का दबाव इस पुलिया पर बढ़ी है ऐसे में चौडे पुल का निर्माण जल्द कराये जाने की जरूरत होगी। अन्यथा इसी पुलिया से कुछ माह तक आगवामन होते रहता है तो आवागमन के दृष्टि से पुलिया खतरनाक स्थिति पर पहुॅच सकती है जिससे कि कभी भी बडी दुर्घटना घटित हो सकती है।
आठ दशक पार कर गया आजादी के पूर्व का पुलिया
बैकुंठपुर शहर से गुजरने वाली गेज पुलिया पर अंबिकापुर मुख्य मार्ग पर रियासतकालीन बनाई गयी गेज पुलिया आठ दशक पार कर चुका है इसके बाद भी इस पुलिया पर प्रतिदिन वाहनों की आवाजाही हो रही है लेकिन अब यह जर्जर स्थिति में पहुंच गया है।
जानकारी के अनुसार कोरिया रियासत के राजा रामानुज प्रताप सिंहदेव ने वर्ष 1934-35 में गेज पुलिया का निर्माण कराया गया था इसके बाद से ही इस पुलिया में आवागमन हो रहा है। समय के साथ यातायात का दबाव भी बढ़ा लेकिन पुलिया के मरम्मत कार्य की दिशा में समय समय पर बिल्कुल ही ध्यान नही दिया गया और यही कारण है पुलिया अपनी अंतिम स्थिति में पहुंच गया है। जिसे सुधार कार्य नही किया जाता है तो आने वाले समय में यह पुलिया सुरक्षित नहीं रहेगा।
बिना सरिया व सीमेंट के बना है पुलिया
शहर से गुजरने वाली गेज पुलिया पर कोरिया रियासत काल के दौरान बनाया गया गेज पुलिया में सीमेंट व सरिया का उपयोग बिल्कुल भी नहीं किया गया है।
पुलिया निर्माण कार्य हुए 8 दशक बीत चुके है और आने वाले कुछ सालों में ही 9 दशक का उम्र पूरा कर लेगा। इसके बावजूद पुलिया मजबूती से टीकी है सिर्फ पुलिया के उपर की सडक जर्जर हो गयी है और छोटी सी पुलिया में एक दर्जन स्थानोंं पर छोटे बडे गढ्ढे बन गये है। जिसके सुधार कराये जान की आवश्यकता है।
जानकारी के अनुसार गेज पुलिया के निर्माण में सीमेंट की जगह चूने व गारे का उपयोग कर पुलिया निर्मित है। उस दौरान निर्माण कला का उपयोग करते हुए बिना सरिया का पुल बनाया गया है जा आज भी मजबूत स्थिति में है। पुलिया के उपर जर्जर व गढ्ढो का मरम्मत करा दिया जाता है तो पुलिया को मजबूती मिलेगा लेकिन अब समय के साथ संकरी पुलिया में आवागमन के दौरान सिर्फ एक वाहन ही आना जाना करता हैं। लोगों का कहना है कित यातायात के बढ़ते दबाव को देखते हुए अब नया बड़ा पुल बनाया जाना उचित होगा।