दुर्ग
स्वदेश मानवाधिकार संगठन का पत्रवार्ता में खुलासा
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
भिलाई नगर, 23 फरवरी। छत्तीसगढ़ में बैंकों द्वारा भू माफियाओं एवं बैंक एकाउंटेंट से मिलकर बैंक ऋ णदाताओं की मॉर्गेज अर्थात बंधक रखी संपत्ति का गलत वैल्यूएशन निकाल, करोड़ों की संपत्ति को कौडिय़ों के दाम पर बेचा जा रहा है। उक्ताशय के आरोप लगाते हुए स्वदेश मानवाधिकार संगठन के प्रदेश अध्यक्ष मोतीलाल चावला ने पत्रकारवार्ता में अनेक ऐसे प्रकरणों के दस्तावेज पेश किए, जिसमें ऋ ण देते समय सम्पत्ति की वैल्यूवेशन और नीलाम राशि में भारी कमी दिख रही है।
ज्ञात हो कि मॉर्गेज लोन में हम किसी संपत्ति को गिरवी रखकर बैंक या वित्तीय संस्थान से पैसा उधार लेते हैं।
स्वदेश मानवाधिकार संगठन के पदाधिकारी मोतीलाल चावला और मनोज ठाकरे ने पत्रकारवार्ता में जानकारी दी कि बैंक और भू माफियाओं के साथ-साथ जमीन दलालों की सक्रियता बैंकों में बढ़ी और बैंकों द्वारा हितग्राहियों की करोड़ों की संपत्ति की रजिस्ट्री कम दर पर कौडिय़ों के भाव से भूमाफिया के माध्यम से बेचा जा रहा है। करोड़ों की संपत्ति कम दर पर बेच कर स्टांप ड्यूटी और इनकम टैक्स की चोरी की जा रही है।
बैंकों द्वारा भू माफियाओं के माध्यम करोड़ों की संपत्ति कौडिय़ों के दाम पर बेचने के षड्यंत्र की जांच की मांग जिला कलेक्टर को ज्ञापन के माध्यम से की गयी है। बैंकों द्वारा एनपीए खाताधारकों की संपत्ति को बेचने से पूर्व बैठक की अनिवार्यता एवं संपत्ति का वैल्यूएशन खाताधारक की उपस्थिति में करनी चाहिए, जिससे समस्त कार्रवाई में पारदर्शिता आ सके। प्रदेश मानवाधिकार संगठन ने ज्ञापन सौंपकर दुर्ग सांसद, कलेक्टर, निगम आयुक्त से ऐसी व्यवस्था सुनिश्चित करने की मांग की गई है।
प्रदेश अध्यक्ष मोतीलाल चावला ने कहा कि छत्तीसगढ़ के सभी बैंक ऋ ण के माध्यम से करोड़ों की संपत्ति जिसकी वसूली नहीं होती, उस जमीन को भूमाफिया दलालों की मिलीभगत से संपत्ति की गलत वैल्यूएशन निकालकर कौडिय़ों के दाम पर बेचने का षड्यंत्र रच रहे हैं। संगठन ने अनेक बैंकों के प्रकरणों के दस्तावेज सामने रखे, जिसमें बैंक के द्वारा ऐसा कृत्य करना परीलक्षित होता है। संगठन ने डेब्टस रिकवरी ट्रिब्युनल की बेंच छत्तीसगढ़ में भी स्थापित करने की मांग की है।