रायपुर
प्रधानमंत्री-वित्तमंत्री को पत्र
रायपुर, 26 फरवरी। राज्यसभा सांसद छाया वर्मा ने केंद्र सरकार द्वारा हाल ही में पेश किए गए बजट में एलआईसी के आईपीओ जारी करने तथा बीमा क्षेत्र में विदेशी पूंजी निवेश की सीमा 49 से बढ़ाकर 74 किए जाने की घोषणा का विरोध किया है। वहीं उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को पत्र लिखकर इस पर पुनर्विचार का आग्रह किया है।
सांसद सुश्री वर्मा ने अपने पत्र में कहा है कि केंद्र सरकार ने 2021 - 22 के बजट प्रस्ताव में भारतीय जीवन बीमा निगम के आईपीओ जारी करने, सामान्य बीमा के सार्वजनिक कंपनी की एक कंपनी का निजीकरण करने एवं बीमा क्षेत्र में विदेशी निवेश की सीमा को 49 से बढ़ाकर 74 प्रतिशत करने का प्रस्ताव रखा है। सरकार के इस कदम से बीमा बाजार व घरेलू बचत निजी देशी-विदेशी पूंजी के हाथों में चला जाएगा और हम देश के विकास के संसाधन से वंचित होंगे।
उन्होंने कहा कि हमारे देश में अधिसंरचना विकास तथा देश के 41 करोड़ बीमाधारकों को बेहतरीन सेवा देने के मामले में एलआईसी विश्व में श्रेष्ठतम कंपनी में से एक है। आईपीओ के जरिए एलआईसी के शेयर तक निजी क्षेत्र की किसी भी पहुंच से देश को भी भारी नुकसान होगा। साथ ही इसके द्वारा एकत्रित की गई पूंजी से दीर्घकालिक साधन, जिस पर आज सरकार का नियंत्रण है, उस पर भी निजी क्षेत्र की पहुंच को बढ़ाएगा, जो निश्चय ही देश के भावी विकास को प्रभावित करेगा। उन्होंने आग्रह किया है कि राष्ट्रहित में एलआईसी के आईपीओ जारी करने, इसे शेयर बाजार में सूचीबद्ध करने तथा बीमा क्षेत्र में एफडीआई में वृद्धि प्रस्ताव पर पुनर्विचार किया जाए।
उल्लेखनीय है कि बीमा कर्मचारी संगठन के धर्मराज महापात्र, अलेकजेंडर तिर्की, ज्योति पाटिल, विष्णु जंघेल के साथ उनके एक प्रतिनिधिमंडल ने सुश्री वर्मा से भेंटकर इस पर समर्थन मांगा था। वे देश के समस्त सांसदों से भी मिल रहे हैं और केंद सरकार के इस कदम के खिलाफ सांसदों से समर्थन मांग रहे हैं।