रायपुर

कांग्रेस ने गरीब-किसानों का बजट कहा, भाजपा ने निराशाजनक
01-Mar-2021 5:29 PM
कांग्रेस ने गरीब-किसानों का बजट कहा, भाजपा ने निराशाजनक

विजन रहित व निराशाजनक बजट-  विष्णुदेव
भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदेव साय ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा पेश छत्तीसगढ़ के बजट को निराशाजनक करार दिया हैं। उन्होंने कहा कि बजट भाषण के दौरान किसी भी लिहाज से लग ही नहीं रहा था कि यह छत्तीसगढ़ राज्य का बजट हैं। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल जिस प्रकार से बजट में प्रावधानों की घोषणा कर रहे थे उसे देख कर लग रहा था मानो मुख्यमंत्री बघेल किसी नगर निगम या नगर पालिका का बजट पेश कर रहे थे। श्री साय ने बजट को छत्तीसगढ़ के विकास में बाधक व विजन रहित करार दिया।

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदेव साय ने कहा कि छत्तीसगढ़ बीते 2 वर्षों में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में आर्थिक रूप से खोखला हो चुका हैं। प्रदेश में कर्ज लेकर घी पीने वाली सरकार ने छत्तीसगढ़ की अर्थव्यवस्था को चौपट कर दिया हैं जिसका उदाहरण आज पेश किए गए बजट में साफ साफ देखने मिला। श्री साय ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से पूछा हैं कि नवा छत्तीसगढ़ गढऩे का दावा करने वाले सीएम बघेल को बताना चाहिए कि कैसे गढ़ेंगे नवा छत्तीसगढ़ ऐसे विजन रहित दिशाहीन बजट से यदि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल छत्तीसगढ़ गढऩे चले हैं तो वे समझ ले छत्तीसगढ़ की जनता और आने वालों पीढ़ी कांग्रेस को माफ नहीं करेगी।

श्री साय ने कहा कि बजट देख कर लगता हैं की लोकलुभावन वादा कर सत्ता में काबिज कांग्रेस सरकार ने छत्तीसगढ़ को बीमारू राज्य बनाने का निर्णय ले लिया हैं। बजट में युवाओं, महिलाओं, किसानों, बुजुर्गों के लिए कोई ठोस नीति नजर नहीं आती। रोजगार, बेरोजगारी भत्ता पर कोई ठोस निर्णय नहीं दिखता। किसानों को किस्तों में ठगनें वाली सरकार के रवैये और नीति में कोई बदलाव नजर नहीं आता। 

शराबबंदी का वादा कर सरकार में आयी कांग्रेस के राज में जब तीसरा बजट आता हैं तो आबकारी से आय में 600 करोड़ की वृद्धि की बात होती हैं यह कांग्रेस की कथनी और करनी का फर्क हैं। कोरोना काल में छत्तीसगढ़ सरकार की लापरवाही के चलते लचर स्वास्थ्य व्यवस्था के चलते डराने वाले मौत के आंकड़ों के बाद सरकार के बजट में स्वास्थ्य के क्षेत्र में निराशाजनक कदम प्रदेश सरकार की असंवेदनशीलता को दर्शाता हैं। पूरा विश्व, भारत सरकार सहित देश के तमाम राज्य जहां कोरोना के बाद स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर करने में लगे हैं वहीं छत्तीसगढ़ सरकार स्वास्थ्य सेवा की बेहतरी की दिशा में ठोस प्रयास कर पाने में विफल रही हैं।

उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार का बजट उद्योग, स्वास्थ्य, इंफ्रास्ट्रक्टर, रोजगार, शिक्षा, मूलभूत सुविधा, महिला, बुजुर्ग, किसान, कृषि, ग्रामीण विकास, शहरी विकास, आदिवासी क्षेत्रों के विकास, नक्सल प्रभावित क्षेत्रों के विकास, सिंचाई, आवास हर मोर्चे पर निराशाजनक रहा हैं।

जन कल्याण मदों में कटौती कर ऊंचाई पाने का दावा करने वाला बजट- माकपा

माक्र्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी ने छत्तीसगढ़ विधानसभा में आज कांग्रेस सरकार द्वारा पेश बजट को जन कल्याण के मदों में कटौती करके ऊंचाई पाने का दावा करने वाला बजट करार दिया है। 
माकपा ने कहा है कि भाजपा ने पिछले 15 सालों में जिन कॉर्पोरेटपरस्त नीतियों को लागू किया था, उससे हटने की कोई झलक इस बजट में नहीं दिखती। यही कारण है कि इसमें  योजनाएं, घोषणाएं और वादे तो हैं, लेकिन इसे जमीन में उतारने के लिए पर्याप्त बजट प्रावधान तक नहीं है। पिछले वर्ष विभिन्न विभागों को आबंटित बजट का 20 फीसदी से 35 फीसदी तक खर्च नहीं हुआ है, इसलिए बजट का आकार भी कोई मायने नहीं रखता और इतने बड़े बजट में पूंजीगत व्यय को मात्र 14 फीसदी ही रखा जाना अर्थव्यवस्था की रफ्तार को कम करेगा।
आज पेश बजट पर जारी अपनी प्रतिक्रिया में माकपा राज्य सचिव मंडल ने कहा है कि प्रदेश का आर्थिक सर्वेक्षण बताता है कि अब छत्तीसगढ़ भी देशव्यापी मंदी की गिरफ्त में है। इसके साथ ही जीएसटी लागू होने का कुप्रभाव भी प्रदेश की अर्थव्यवस्था पर दिखने लगा है, जहां केंद्र सरकार ने राज्यों के आर्थिक संसाधनों को हड़प लिया है और उसने राज्य को 18 हजार करोड़ रुपयों की अदायगी नहीं की है। इसलिए प्रदेश की इस बदहाल अर्थव्यवस्था के लिए केंद्र की मोदी सरकार भी जिम्मेदार है।

माकपा राज्य सचिव संजय पराते ने कहा है कि मनरेगा जैसी सबसे बड़ी ग्रामीण रोजगार प्रदाय योजना के बजट आबंटन में कटौती की गई है, जिससे रोजगार सृजन में भारी गिरावट आएगी। पिछले वर्ष मनरेगा में 2600 करोड़ रुपयों का भुगतान किया गया है, लेकिन इस वर्ष के बजट में मात्र 1600 करोड़ रुपये ही आबंटित किये गए है। यह कटौती 38त्न से अधिक है।

बस्तर टाइगर फ़ोर्स में 2500 लोगों की भर्ती इस क्षेत्र के सैन्यीकरण को ही बढ़ाएगी और आदिवासी जनजीवन को दुश्वार बनाएगी, जबकि एक लाख से ज्यादा खाली पड़े सरकारी पदों को भरने के बारे में इस सरकार ने चुप्पी ही साध ली है। बजट में असंगठित क्षेत्र के मजदूरों के लिए भी कुछ नहीं है। उन्होंने कहा कि न्याय योजना के बावजूद कृषि संकट इतना गहरा है कि प्रदेश में फिर किसान आत्महत्याएं शुरू हो चुकी हैं और फसल बीमा के प्रावधान से उन्हें कोई मदद नहीं मिलने वाली है, क्योंकि यह केवल निजी कंपनियों और कार्पोरेटों के मुनाफे ही बढ़ाएगी।
माकपा नेता ने कहा है कि नगरनार संयंत्र को राज्य सरकार द्वारा खरीदने का प्रस्ताव पारित करने वाली सरकार ने इस मद में एक पैसा भी नहीं रखा है। इससे स्पष्ट है कि यह सरकार अपने ही प्रस्तावों के प्रति गंभीर नहीं है। उन्होंने कहा कि वनाधिकार के तमाम दावों के बावजूद सच्चाई यही है कि प्रदेश के आदिवासी व गरीब किसान बड़े पैमाने पर विस्थापन का शिकार हो रहे हैं।  

कांग्रेस ने जन घोषणा पत्र को क्वारेंटाइन कर दिया है- अशोक बजाज


रायपुर, 1 मार्च। जिला पंचायत के पूर्व अध्यक्ष अशोक बजाज ने छत्तीसगढ़ शासन के 2021-22  के बजट को पूरी तरह निराशाजनक एवं दिशाहीन बताते हुए कहा कि कांग्रेस ने अपने जन घोषणा पत्र को क्वॉरेंटाइन कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि लोगों को किसान पेंशन योजना, युवकों को बेरोजगारी भत्ता एवं नशा मुक्ति जैसे प्रावधानों की उम्मीद थी लेकिन बजट ने निराश किया। उन्होंने कहा कि बजट में कृषि एवं ग्रामीण विकास के लिए कोई उल्लेखनीय योजना प्रस्तुत नहीं की गई है।


बजट से पेंशनरों एवं कर्मचारी जगत में निराशा


रायपुर, 1 मार्च। छत्तीसगढ़ राज्य संयुक्त पेंशनर्स फेडरेशन अध्यक्ष वीरेन्द्र नामदेव ने भूपेश सरकार के तीसरा बजट को भी पहले के दो बजट के समान ही राज्य के पेंशनरों एवं कर्मचारी जगत के लिए निराशा जनक निरूपित किया है। उन्होंने कहा है कि वरिष्ठ नागरिक संवर्ग के सेवानिवृत्त कर्मचारियों को इस बजट से मायूसी मिली है। उनका छठवें वेतनमान और सातवें वेतनमान के एरियर्स भुगतान का भरोसा टूट गया। तीसरे बजट से सबसे ज्यादा उम्मीद जुलाई 2019 से बकाया 5 प्रतिशत महंगाई राहत की घोषणा का इंतजार था। इस पर चुप्पी से राज्य के पेंशनर हताश हुए हैं। उन्होंने उम्मीद जताई है कि इसी बजट सत्र में सरकार, पेंशनरों एवं कर्मचारियों के आर्थिक मामलों पर निर्णय कर राहत प्रदान करेगी।

युवाओं को हतोत्साहित करने वाला बजट- भाजयुमो
रायपुर। भारतीय जनता युवा मोर्चा के प्रदेश प्रभारी अनुराग सिंहदेव, सहप्रभारी ओपी चौधरी व प्रदेश अध्यक्ष अमित साहू ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा पेश बजट को अब तक का सबसे निराशाजनक और छत्तीसगढ़ के युवाओं का अहित करने वाला बताया हैं। 
उन्होंने कहा कि विधानसभा चुनाव से पूर्व हर घर रोजगार घर-घर रोजगार का नारा देने वालों ने छत्तीसगढ़ के 10 लाख बेरोजगारों को 2500 रुपया प्रतिमाह बेरोजगारी भत्ता देने का वादा किया था। लेकिन  बजट में नई नौकरी, स्वरोजगार, कौशल विकास का जिक्र तक न हीन ही स्वरोजगार को लेकर कोई ठोस नीति हैं और ना ही बेरोजगारी भत्ता के लिए कोई प्रावधान। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व वाली प्रदेश की सरकार ने छत्तीसगढ़ के युवाओं को धोखा दिया हैं और बीते दो वर्षों का बेरोजगारी भत्ता जो लगभग 6 हजार करोड़ से अधिक है की राशि दबा कर बैठी हैं। 

उन्होंने सीएम भूपेश बघेल से छत्तीसगढ़ के युवाओं के हक का 6 हजार करोड़ निकालने और छत्तीसगढ़ के युवाओं को बेरोजगारी भत्ता देने की मांग करते हुए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से पूछा हैं कि छत्तीसगढ़ के युवाओं के साथ कब होगा न्याय तारीख बताएं।
उन्होंने बजट में रोजगार को लेकर, रोजगार के अवसर बढ़ाने वाले भी कोई प्रावधान नहीं हैं। उद्योग की स्तिथि 2 वर्ष में निराशाजनक हो गयी हैं। बजट में नए उद्योग को लेकर कोई ठोस नीति स्पष्ठ नजर नहीं आती। इन्फ्रस्ट्रक्टर डिवेलपमेंट के नाम पर भी बजट में निराशा ही नजर आ रही हैं। ऐसे में छत्तीसगढ़ के युवाओं का भविष्य अंधकारमय नजर आ रहा हैं। भाजयुमो के प्रदेश अध्यक्ष अमित साहू ने कहा कि चुनाव से पूर्व 1 लाख शासकीय नौकरी का वादा किया गया था जिसको लेकर प्रदेश सरकार अपने तीसरे बजट में भी गंभीत नहीं दिख रही हैं। बीते 2 वर्षों की कार्यप्रणाली और निराशाजनक बजट से स्पष्ठ हो गया हैं की मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ सरकार युवाओं के विरुद्ध और युवाओं को हतोत्साहित करने का काम कर रही हैं।

प्रदेश सरकार जिम्मेदारियों से पलायन कर रही- भाजपा
रायपुर। भाजपा की प्रदेश इकाई ने सोमवार को प्रदेश विधानसभा में प्रस्तुत बजट को सपनों की सौदागरी बताते हुए कहा है कि यह बजट जमीनी सच्चाइयों से कोसों दूर है और प्रदेश सरकार ने एक बार फिर अपने राजनीतिक चरित्र के अनुरूप छलावों का दस्तावेज पेश करके अपनी जिम्मेदारियों से पलायन करने की मानसिकता का परिचय दिया है। प्रदेश के मुख्यमंत्री द्वारा वित्त मंत्री के तौर पर प्रस्तुत बजट में नया तो कुछ है ही नहीं, जो काम हाथ में लिए गए हैं, उनको पूरा करने की इच्छाशक्ति और भावना भी इस बजट में कहीं नजर नहीं आ रही है।
भाजपा प्रदेश महामंत्री नारायण चंदेल, भूपेन्द्र सवन्नी व किरणदेव ने प्रदेश सरकार के बजट पर अपनी राय व्यक्त करते हुए कहा कि प्रदेश सरकार ने बजट में राशि का जैसा प्रावधान किया है, उससे प्रदेश सरकार की नीयत और नीति को लेकर यह सवाल उठना लाजिमी है कि प्रदेश सरकार क्या वास्तव में कोई ठोस कार्य करने का इरादा रखती है या फिर बस बजट पेश करने की रस्म अदायगी करके अपनी जिम्मेदारी पूरी कर रही है? उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार का यह बजट कोई नई आशा नहीं जगा रहा है। आम जनजीवन की सुविधाओं से जुड़ीं कई मदों में तो सरकार ने राशि का पर्याप्त प्रावधान तक नहीं किया है, जिसके चलते प्रदेश सरकार की योजनाएँ आखिरकार दम तोडऩे विवश हो जाएंगीं। 
यह पूरा बजट प्रदेश सरकार का वह सब्जबाग है, जहाँ आम आदमी अपना सब कुछ लुटाने के के विवश होगा।

भाजपा किसान मोर्चा के प्रदेश प्रभारी संदीप शर्मा व प्रदेश किसान मोर्चा के अध्यक्ष श्यामबिहारी जायसवाल ने प्रदेश सरकार के बजट को किसानों के लिए निराशाजनक बताते हुए कहा कि किसानों के नाम पर सियासी नौटंकियां करके घडिय़ाली आँसू बहाने वाली इस प्रदेश सरकार ने किसानों के लिए कोई राहत और उनके जीवन-स्तर को ऊपर उठाने की किसी महत्वाकांक्षी योजना की चर्चा तक नहीं की है। 

उन्होंनेे कहा कि कर्जमाफी और दो साल के बकाया बोनस भुगतान की धोखाधड़ी और वादाखिलाफी से लेकर धान खरीदी और समर्थन मूल्य की अंतर राशि के भुगतान तक किसानों के साथ कदम-कदम पर छल-कपट करने वाली प्रदेश सरकार ने किसानों को ऋणमुक्त जीवन की गारंटी देने के बजाय उन्हें एक बार ब्याजमुक्त ऋण देने का प्रावधान करके किसानों को कर्ज के जंजाल में उलझाए रखने का बंदोबस्त ही किया है। रकबा कटौती और गिरदावरी के नाम पर किसानों की पूरी उपज खरीदने से बचने के नित-नए षड्यंत्रों की कूट-रचना करने वाली कांग्रेस की यह प्रदेश सरकार अपनी किसान न्याय योजना, गौधन न्याय योजना समेत तमाम योजनाओं की मिट्टीपलीद होने के बावजूद आत्ममुग्ध होकर किसानों के साथ फिर छलावा करने पर आमादा नजर आ रही है।

 

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