दुर्ग
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
दुर्ग, 2 मार्च। सकारात्मक विचारों से ही हमारा तन और मन सदा स्वस्थ रह सकता है। मन को खुश रखना है तो कभी भी अपनी तुलना दूसरों से न करें, उक्त बातें रायपुर से आई अनुभवी वक्ता ब्रह्माकुमारी प्रियंका ने प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय द्वारा इसके सेवा केंद्र आनंद सरोवर, बघेरा में 28 फरवरी से 4 मार्च तक आयोजित पांच दिवसीय शांति अनुभूति राजयोग शिविर के पहले दिन के सत्र में कही. उन्होंने इसकी विधि बताते हुए कहा कि रोज यह शुभचिंतन करें कि मैं महान आत्मा हूं, श्रेष्ठ आत्मा हूं, तो हमारे कर्म भी श्रेष्ठ हो जायेंगे। हमारे साथ अच्छा या बुरा जो हो रहा है वो मेरे ही कर्मों का फल है। जब हम कर्म के इस सिद्धांत को समझ जाते हैं तो हमारा मन शांत रहता है।
राजयोग के नियमित अभ्यास द्वारा जब हम परमात्मा को याद करते हैं तो हम आत्मा में शक्ति भर जाती है, जो हमें परिस्थितियों से पार करने में मदद करती है और हमारा जीवन तनावमुक्त खुशहाल बनता जाता है। अंत में उन्होंने राजयोग का अभ्यास कामेन्ट्री के माध्याम से कराकर गहन शांति का अनुभव कराया। तत्पश्चात नन्हें बच्चों द्वारा श्रीकृष्ण के जीवन चरित्र पर सुंदर नृत्य नाटिका प्रस्तुत किया गया।
कार्यक्रम के अन्त में राष्ट्रीय गायक ब्रह्माकुमार युगरत्न ने गीत प्रस्तुत किया। कार्यक्रम का लाभ बड़ी संख्या में दुर्ग निवासी भाई-बहनें उठा कर अपना जीवन शांतिपूर्ण बना रहे हैं।