सुकमा

महिला दिवस पर बालाटिकरा मामले पर महिलाओं ने छिन्दगढ़ में भरी हुंकार
08-Mar-2021 8:15 PM
महिला दिवस पर बालाटिकरा मामले पर महिलाओं ने छिन्दगढ़ में भरी हुंकार

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

छिंदगढ़, 8 मार्च। आज महिला दिवस के अवसर पर बालाटिकरा मामले पर छिन्दगढ़ में भारी मात्रा में महिलाओं ने पहुंचकर प्रशासन के खिलाफ भरी हुंकार। उन्होंने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नाम तहसीलदार छिन्दगढ़ को ज्ञापन सौंपते हुए अवगत कराया कि पाकेला गांव के बालाटिकरा पारा की 17 एकड़ जमीन पर ग्रामवासियों की सहमति के खिलाफ प्रशासन के द्वारा पुलिस की मदद से  शासकीय भवनों का  निर्माण किया जा रहा है, साथ ही इसका विरोध करने वाली दो महिलाओं को जेल में डाल दिया गया था।

उल्लेखनीय है कि इन मुद्दों को लेकर 17 फऱवरी से छिंदगढ़ में ग्रामीणों के साथ भारतीय महिला फेडरेशन व अखिल भारतीय आदिवासी महासभा के द्वारा क्रमिक धरना-प्रदर्शन किया जा रहा है। बालाटिकरा के ग्रामवासी एकमत होकर 17 एकड़ जमीन नहीं देना चाहते हैं। उक्त जमीन अधिग्रहण प्रक्रिया में सभी ग्रामीण तहसीलदार कार्यालय छिन्दगढ़ में आपत्ति दर्ज कराए थे। आपत्ति को एकतरफा दरकिनार कर पुलिस के मदद से भवनों का निर्माण कराया जा रहा है। जिसका विरोध करने पर 12फरवरी को मडक़म लखमें एवं कोयनी को जेल भेज दिया गया था, इन्हें एक सप्ताह  के बाद छोड़ दिया गया। उसके बाद से आज तक भारतीय महिला फेडरेशन व अखिल भारतीय आदिवासी महासभा  के द्वारा क्रमिक धरना प्रदर्शन किया जा रहा है, परन्तु प्रशासन के द्वारा किसी भी प्रकार की संज्ञान नहीं ली जा रही है।

आज महिला दिवस के अवसर पर छिन्दगढ़ मुख्यालय में जिला भर से सैकड़ों की संख्या में महिलाओं ने उपस्थित होकर बालाटिकरा मामले में पीडि़तों का समर्थन किया।  पूर्व विधायक मनीष कुंजाम ने सुकमा जिले में महिलाओं की हालत पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि सुकमा जिले में महिलाओं की हालत बहुत ही चिंताजनक है। बेकसूर महिलाओं को जेल भेजा जा रहा है, लगातार आंदोलन करने के बाद भी कोई उचित कार्रवाई नहीं हो रही है, उधर बुर्कापाल में सैकड़ों आदिवासी महिलाएं विधवा के जैसे जीवन जी रही हैं। कांग्रेस ने शासन में आने से पहले इन जेल में बंद निर्दोष आदिवासियों को छुड़ाने की बात की थी, पर आज मौन साधे हुए हैं। इन सभी मामलों को लेकर हम जल्द ही राज्यपाल से मिल कर यहाँ की स्थिति से उन्हें अवगत कराएंगे ।

कुसुम नाग अध्यक्ष,भारतीय महिला फेडरेशन सुकमा ने कहा कि जबसे यह घटना हुई है तबसे आज तक हम लोगों से शान्तिपूर्ण तरीके से धरना देकर प्रशासन से न्याय की अपेक्षा की, परन्तु आज तक कोई कार्रवाई नहीं हो रही है। आने वाले दिनों में हम चुप नहीं बैठेंगे जोर-शोर से इसका विरोध जारी रखेंगे। वहीं महिला दिवस के अवसर पर कुसुम नाग, आराधना मरकाम ने मडकम लखमे ,सोडी कोयनी को शाल  देकर सम्मानित किया।

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