दन्तेवाड़ा
बचेली, 27 मार्च। होली के उमंग की दस्तक देने में अब एक ही दिन बचा है। बाजार रंगीन हो चुका है और गुलाल से दुकानें सज गयी है। कई तरह के गुलाल बाजारों में उपलब्ध है। ऐसे में दंतेवाड़ा जिला के गीदम विकासखंड अंतर्गत हारम ग्राम में कृषि विज्ञान केन्द्र दंतेवाड़ा के मार्गदर्शन में सांई बाबा स्व सहायता समूह की महिलाओं के द्वारा इको फें्रडली होली के गुलाल बनाया गया है।
हर वर्ग हर्बल गुलाल की मंाग कर रहे हंै, इससे गुलाल बनाने वाली महिलाओं में खासा उत्साह देखा जा रहा है। शनिवार को बचेली नगर के मुख्य मार्ग एनएमडीसी प्रवेश द्वार के सामाने स्टॉल लगाकर गुलाल बेचा जा रहा है। महिला समूह की सचिव पूजा कश्यप ने बताया कि पिछले तीन वर्षों से महिला स्व सहायता समूह के द्वारा यह गुलाल बनाया जा रहा है इस बार बचेली नगर में भी इसका स्टॉल लगाया गया है। प्रति पैकेट की कीमत 200 रूपये है, शनिवार को 17 पैकेट की बिक्री हुई।
प्राकृतिक चीजों का हो रहा इस्तेमाल
समूह की महिलाएं हरा, नीला, गुलाबी, केसरियो और पीला रंगो का गुलाल तैयार कर रही है। इसके लिए टेशु, हल्दी, चंदन, चुंकदर, मेंहदी, सिंदूरी, अरारोट, अपराजिता, कत्था व अन्य पत्तियों तथा प्राकृतिक चीजों का इस्तेमाल किया जा रहा है।
कृषि विज्ञान केन्द्र दंतेवाड़ा के डॉ. नारायण साहू ने बताया कि प्राकृतिक चीजों से बन रही इस गुलाल की मांग हर जगह हो रही है। प्रदेश के अन्य इलाकों में भी इसे पैकिंग कर भेजा जा रहा है, इससे त्वचा को किसी प्रकार को कोई नुकसान नहीं है। गत दिनों इसी हर्बल गुलाल को इंदिरा गांधी कृषि विवि के कुलपति डॉ एसके पाटिल ने प्रदेश की राज्यपाल अनुसुईया उइके को भेंट किया था। बचेली नगर पालिका परिषद के मुख्य नगर पालिका अधिकारी आईएल पटेल ने कहा कि महिलाएॅ फूल पत्तियो और फलो के साथ प्राकृतिक चीजो का उपयोग कर हर्बल गुलाल तैयार कर रही है, यह रंग लोगो को न केवल केमिकल से भरे रंगो से बचााएगा, बल्कि शरीर को ठंडक भी देगा। केमिकल वाले रंगो के इस समय में हर्बल गुलाल का प्रयोग करें। इससे ऑखो, त्वचा, बालो को नुकसान नही होगा।