कोरिया
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बैकुंठपुर (कोरिया), 28 मार्च। कोरेाना संक्रमण के बढ़ते प्रभाव के बीच ईसाई समुदाय के लोगों द्वारा पाम संडे यानी खजूर रविवार का पर्व ज्यादातर लोग अपने घरों पर ही मनाया गया। वही कुछ लोग गिरजाघरों में जुटकर भी पर्व मनाया गया, लेकिन इस बार कोरोना संक्रमण के चलते गिरजाघरों में पहले जैसा रौनक दिखाई नही दी। जबकि खजूर पर्व ईसाई समुदाय के प्रमुख पर्व में से एक है जिसे प्रतिवर्ष उल्लास के साथ मनाया जाता है इस अवसर पर गिरजाघरों में अच्छी खासी भीड़ भी जुटती थी लेकिन इस बार कोरोना के चलते गिरजाघरों में विरानी छाई रही। वहीं इस अवसर पर खजूर रैली भी नहीं निकाली गई।
जानकारी के अनुसार पाम संडे यानी खजूर पर्व के दिन आज से लगभग दो हजार वर्ष पूर्व उस दिन की याद में खजूर पर्व मनाया जाता है जब प्रभु यीशु यरूशलेम में प्रवेश किए थे। पवित्र बाईबिल में उल्लेख है कि जब प्रभु यीशु यरूशलेम पहुंचे तो उनके भव्य स्वागत में बड़ी संख्या में समुदाय के लोग अपने हाथों में खजूर की डालियां लेकर लहराते हुए एकत्र हुए थे। लोगों ने प्रभु यीशु की शिक्षा और चमत्कारों को शिराधार्य कर उनका जोरदार स्वागत किया था। इस दिन संडे था जिसके कारण इस दिन को पाम संडे के रूप में प्रतिवर्ष मनाया जाने लगा।
जानकारी के अनुसार पाम संडे का पर्व दक्षिण भारत में अधिक उत्साह के साथ मनाया जाता है। इस दिन गिरजाघरों में विशेष प्रार्थना सभा का आयोजन किया जाता है लेकिन इस बार कोरोना संक्रमण के चलते लोग अपने घरों से ही फेसबुक लाईव के माध्यम से यह पर्व मनाया। लाईव आराधना को ईसाई परिवार के लोग अपने घरो में रहकर ही ज्यादा से ज्यादा देख-सुनकर खजूर पर्व मनाया। इसके बाद आगामी 2 अप्रेल को गुड फ्राईडे का पर्व मनाया जायेगा। इसके एक दिन बाद इस्टर संडे के दिन मनाया जाएगा।