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कोरिया को कंटेनमेंट जोन घोषित करने पर कारोबारी खफा
11-Apr-2021 8:47 PM
कोरिया को कंटेनमेंट जोन घोषित करने पर कारोबारी खफा

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बैकुंठपुर, 11 अप्रैल।
पूरे जिले को कंटेनमेंट जोन मेंं तब्दील करने के जिला प्रशासन के फैसले के खिलाफ व्यापारी वर्ग में नाराजगी देखी जा रही है, वहीं संसदीय सचिव अंबिका सिंहदेव ने भी अधिकारियों से चर्चा कर हर वर्ग के व्यापारियों को इसमें सहभागिता दिलाने के संबंध में कलेक्टर से चर्चा की है। दूसरी ओर 13 अप्रैल से चैत्र नवरात्र शुरू हो रहे है, और प्रशासन ने पूरे जिले को कंटेनमेंट जोन बनाकर सब्जी और फल विक्रेताओं की किसी भी प्रकार की रियायत नहीं दी है, जिसे लेकर लोगों में काफी रोष देखा जा रहा है।

इस संबंध में संसदीय सचिव अंबिका सिंहदेव का कहना है कंटेनमेंट जोन बनाने से पहले जिले को लॉकडाउन किया जाना था, धीरे-धीरे हम इस ओर बढ़ते, लॉकडाउन कर हम लोगों को सब्जी फल के लिए हल्की रियायत दे सकते थे, परन्तु कंटेनमेंट जोन हो जाने से ग्रामीण क्षेत्रों में भी लोगों को काफी परेशानी होगी, मैंने धारा 144 को कड़ाई से पालन करने के साथ मास्क का उपयोग कराई से करवाने को कहा है, लॉकडाउन करके हम कोरोना की चेन को तोडऩे में अहम रोल निभा सकते हंै। कंटेनमेंट जोन होने पर जरूरत की वस्तुएं प्रशासन मुहैया कराता है, कंट्रोल रूम बनाना होगा, यह बेहद चुनौतिपूर्ण कार्य होगा, पहले इस पर कोई ठोस रणनीति प्रशासन को बनानी चाहिए थी।  

कोरिया जिला प्रशासन ने 9 मार्च की शाम अचानक पूरे जिले को कंटेनमेंट जोन घोषित करने का आदेश जारी कर दिया, मेडिकल दुकानदारों को ऑनलाइन दवाओं की बिक्री के साथ दुकान खोले जाने की अनुमति प्रदान की गई है, जबकि रोजमर्या की वस्तुओं पर कड़ी पाबंदी लगाई गई है। जिसके बाद व्यापारियों ने इस निर्णय का सही नहीं ठहराया और मनेन्द्रगढ़ के व्यापारियों ने एसडीएम के माध्यम से कलेक्टर को पत्र भेजा, व्यापारियों ने अपने सुझाव में कहा है कि रोज कमाने वाले इससे ज्यादा प्रभावित होगे उनके व्यापार पर भी बुरा असर पड़ेगा, उन्होंने दलील दी है कि अन्य जिलों के मुकाबले हमारे यहां काफी कम मामले है। दूसरी ओर बैकुंठपुर के व्यापारी संघ भी अब इस मामले में कलेक्टर से मिलकर कंटेनमेंट जोन को लॉकडाउन में बदलने की मांग करने वाला है।

सिर्फ चुने व्यापारियों को राहत
सूत्रों की माने तो जिला प्रशासन कुछ चुने एक दो किराना व्यवसायियों को दुकान खोले जाने की अनुमति प्रदान करने की तैयारी में है, जिसकी भनक लगते ही संसदीय सचिव अंबिका सिंहदेव ने एसडीएम से चर्चा कर छोटे व्यापारियों को भी इस कार्य में सहभागिता देने को कहा है। उन्होंने कहा है कि ऐसे भेदभाव से व्यापारियों में नाराजगी बढ़ेगी। उन्होंने इस मामले हर किसी का ध्यान रखते हुए कोरोना की चैन तोडऩे में मदद करने को कहा है।

लॉकडाउन या कंटेनमेंट जोन
अभी तक कंटेनमेंट जोन को लेकर लोगों ने यह देखा था कि जिस क्षेत्र को कंटेनमेंट जोन के तहत सील किया जाता था उस क्षेत्र की हर जरूरत की वस्तुओं से लेकर सेवाओं का जिम्मा प्रशासन का होता था, हर स्तर पर हर तरह की सामग्री लोगों तक पहुंचाने के लिए अधिकारियों की तैनाती की जाती थी, परन्तु पूरे जिले को कंटेनमेंट जोन मेें तब्दील करने के बाद इतनी सारे कर्मचारियों की टीम को लेकर सवाल खड़े हो रहे है, वहीं अभी तक कंट्रोल रूम नहीं बनाए जा सके है, इनका गठन ग्रामीण स्तर पर भी करना होगा, ताकि गांव के लोगों की जरूरतों को तत्काल पूरा किया जा सके। पेट्रोल डीजल पर पाबंदी पर भी कई लोगों ने आपत्ति जताई है।

उपवास में नहीं मिलेंगे फल
13 अप्रैल से चैत्र नवरात्र की शुरूआत हो रही है, माता की अराधना के पर्व के दौरान 9 दिन उपवास किए जाते है, जिसमें फलो का सेवन किया जाता है। इधर, जिला प्रशासन के कंटनमेंट जोन बनाए जाने के आदेश में फल और सब्जी विक्रेताओं को किसी भी तरह की रियायत नहीं मिली है, ऐसे में 13 से 19 अप्रैल तक माता की भक्ति में उपवास रहने वाले लोगों को फल नहीं मिल सकेगा, इसे लेकर लोगों में भी काफी नाराजगी है। इसे प्रशासन को त्योहार के समय बेहद गलत निर्णय बताया जा रहा है, लोगों का कहना है कि प्रशासन यह तय करें कि उन्हें वो उपवास के दौरान फल कैसे मुहैया कराएगा।
 

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