दुर्ग
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
दुर्ग, 17 अप्रैल। शहर में कोरोना के रोज बढ़ते मामलों के साथ ही गंभीर मरीजों की संख्या भी बढ़ती जा रही है। प्रशासन के लाख प्रयासों के बाद भी जनता को अपने परिजनों की जान बचाने के लिए जीवन रक्षक रेमडीसीवर इंजेक्शन के लिए दर दर भटकना पड़ रहा है। घूम फिर कर पीडि़त परिवार के परिजन जनप्रतिनिधियों के पास पहुंच कर दवा दिलवाने की गुहार लगा रहे हैं किंतु पूरे देश में विकराल रूप लिए कोरोना संकट के कारण दवाई, वैक्सीन एवं वेन्टीलेटर्स की कमी हर जगह सामने आ रही है।
जिले में इंजेक्शन के लिए मारामारी की स्थिति से अवगत कराने विधायक अरुण वोरा व महापौर धीरज बाकलीवाल ने स्वास्थ्य मंत्री टी एस सिंहदेव से बात कर उन्हें वस्तुस्थिति से अवगत कराते हुए कहा कि प्रदेश में रायपुर के साथ दुर्ग जिला सर्वाधिक प्रभावित है। राजधानी की तर्ज पर दुर्ग जिले के लिए भी विशेष कार्ययोजना बनाने की आवश्यकता है। जीवनरक्षक दवा रेमडेसिविर जरूरत के मुकाबले 10 फीसदी भी उपलब्ध नहीं हो पा रही है जिससे आम जनता असहाय महसूस कर रही है। इस स्थिति को यथाशीघ्र बदलने के लिए ठोस कदम उठाया जाना आवश्यक है।
स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि 12 तारीख को इस आशय का टेंडर जारी किया गया है जिसके खुलते ही प्रदेश को हर सप्ताह 30 हजार रेमडीसीवर की सप्लाई सुनिश्चित होने की संभावना है जिससे काफी हद तक रिकवरी रेट में बढ़ोतरी होगी। वोरा ने स्वास्थ्य मंत्री से आग्रह किया कि आपदा के दौर में टेंडर प्रक्रिया को शिथिल कर भी तत्काल खरीदी की संभावनाओं पर विचार किया जाना चाहिए । जिसपर स्वास्थ्य मंत्री ने परीक्षण करवाने आश्वस्त किया।